मध्यप्रदेश में उत्पन्न हुए सियासी संकट के बीच खबर है कि 16 मार्च का दिन कांग्रेस के लिए अग्नी परिक्षा से कम नहीं होगा। आपको बता दें मध्यप्रदेश के राज्यपाल लाल जी टंडन ने विधानसभा में कांग्रेस के शक्ति परिक्षण की तारीख 16 मार्च तय की है। सूत्रों की माने तो इस घोषणा से पहले राज्यपाल लाल जी टंडन ने राज्य के मुख्य सचिव एस आर मोहंती और DGP विवेक जौहरी ने मुलाकात की।
आपको बता दें बीते शनिवार को बीजेपी नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और बीजेपी विधायक दल के मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा के साथ राज्यपाल लाल जी टंडन से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौपा था जिसमें 16 मार्च से पहले विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग कर कमलनाथ सरकार को जल्द से जल्द विश्वास मत साबित करने की मांग की थी।
मध्यप्रदेश विधानसभा के सियासी समिकरण की बात करें तो कुल संख्या 230 है, जिनमें से कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं, वहीं बीजेपी के पास 107। इसके साथ ही बीएसपी के पास दो और सपा के पास एक विधायक हैं। 4 निर्दलीय विधायक हैं, जबकि दो विधानसभा सीटें खाली हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा में बहुमत के आंकड़े के लिए 116 विधायकों का है। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को 121 विधायको का समर्थन प्राप्त है। अब कौन सा सियासी भूचाल मध्यप्रदेश की राजनीति में आने वाला ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।