मध्यप्रदेश में आखिरकार सियासी घमासान खत्म हो गया। मध्य प्रदेश बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना, जिसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सोमवार की रात 9 बजे शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। आपको बता दें बीते 20 मार्च को कमलनाथ के इस्तीफे के बाद CM पद की दौड़ में शिवराज सिंह चौहान ही सबसे मजबूत दावेदार थे। वो 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल तक CM रह चुके हैं। शिवराज सिंह चौहान पहली बार 29 नवंबर 2005 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान दूसरी बार 12 दिसंबर 2008 में सीएम बने। तीसरी बार 8 दिसंबर 2013 को शिवराज सिंह ने सीएम पद की शपथ ली थी, और इस तरह से अब ये चौथा मौका था जब शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। शिवराज सिंह चौहान के अलावा अब तक अर्जुन सिंह और श्यामाचरण शुक्ल तीन-तीन बार CM रहे हैं।
BJP विधायक दल की बैठक से पहले गोपाल भार्गव ने नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद विधायक दल की बैठक शुरू हुई। बैठक में शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मौजूद थे। गोपाल भार्गव ने शिवराज के नाम का प्रस्ताव रखा था। शर्मा ने उसका समर्थन किया। कुछ ही विधायक बैठक में मौजूद थे। कोरोना का संक्रमण न फैले, इसलिए एहतियात बरतते हुए बाकी विधायकों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में हिस्सा लिया। सभी विधायकों ने शिवराज के नाम पर मुहर लगाई और उन्हें विधायक दल का नेता चुना।
शिवराज सिंह चौहान ने विधायक दल की बैठक में कहा- मेरे लिए आज बहुत भावुक पल हैं। BJP मेरी मां है और मैं मां के दूध की लाज रखने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। जाने वाली सरकार सब तबाह करके गई है। शासन करने की शैली में भी अब परिवर्तन किया जाएगा। काम बोलेगा, हम मिलकर काम करेंगे। जनकल्याण का नया इतिहास रचेंगे। यह उत्सव का समय नहीं है। परिस्थितियां हमें इजाजत नहीं देती। कोरोना के संकट को समाप्त करना है। तत्काल हमें काम पर जुटना है। जो भावनाएं मोेदीजी ने प्रकट की है, उन भावनाओं से हमें जुड़ना है। संक्रमण की चेन को हमें तोड़ना है। कोई उत्साह, उत्सव और समारोह नहीं होगा। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद मैं अपने कार्यालय जाऊंगा कोरोना से लड़ने की योजना बनाने के लिए। इस महामारी से निपटना है।