संकट में संकटमोचन, पहले थाना फिर जेल गए हनुमान

Supreme Court के फैसले के बाद अयोध्‍या में भगवान श्रीराम का वनवास खत्‍म हुआ, लेकिन बिहार के मधेपुरा में अपने ही भक्‍तों की गलती के कारण हनुमान जी को पुलिस की गाड़ी में थाने, फिर जेल जाना पड़ा है। इ गजबे है……

चोंकिये मत, जान लीजिए कि यह मामला सड़क से अतिक्रमण हटाने से जुड़ा है। वहां सड़क किनारे अतिक्रमित भूमि पर स्‍थापित हनुमानजी की प्रतिमा को पुलिस उठाकर पहले थाने लग गई, फिर जेल के मंदिर में स्‍थापित कर दिया।

मामला है मधेपुरा की एक व्‍यस्‍त सड़क का। यह सड़क कई कार्यालयों के साथ-साथ DM व SP के सरकारी आवास को भी शहर से जोड़ती है। इस रास्‍ते में एक पीपल के पेड़ के नीचे हनुमान जी की प्रतिमा स्‍थापित कर दी गई थी। वहां मंदिर बनाने की तैयारी चल रही थी। इसकी प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई थी। इससे लोगों को परेशानी न हो, इसके मद्देनजर प्रशासन ने कार्रवाई करने का फैसला किया। प्रशासन ने वहां स्थापित हनुमान जी की प्रतिमा को वहां से उठा कर मधेपुरा मंडल कारा में स्‍थापित मंदिर में स्थापित कर दिया।

मधेपुरा में सड़क से प्रतिमा को हटाने से लेकर उनकी जेल में स्‍थापना तक पुलिस व प्रशासन सतर्क रहे। इस बाबत अंचलाधिकारी वीरेन्द्र कुमार झा ने कहा कि हनुमानजी की प्रतिमा सड़क किनारे गंदी जगह पर लगाई गई थी, जिसे साफ व सुरक्षित जगह पर स्थापित किया गया है। वहां भगवान की पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की जाएगी।

नायब तरीका इसे कहते हैं, सांप भी मर गया और लाठी भी नहीं टूटी, इसीलिए आज यह स्टोरी है गजब और हम कहते हैं इ गजबे है……!

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