CAA के विरोध में वामदलों के बिहार बंद को लेकर बिहार के कई इलाकों में ट्रेनों को रोक कर रेल सेवा बाधित की गयी। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कई जगह सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। बंद को महागठबंधन में शामिल RJD को छोड़ कर कांग्रेस, RLSP, VIP और HAM ने समर्थन दिया है।
राजधानी पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल समेत दरभंगा के लहेरियासराय और सहरसा में ट्रेन रोक कर रेल सेवा बाधित की गयी। काफी संख्या में आरपीएफ, जीआरपी और जिला पुलिस के जवान तैनात थे। वैशाली जिले के हाजीपुर में JAP के कार्यकर्ताओं ने गांधी सेतु को जाम कर दिया. इससे गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लग गयीं।
CAA 2019 और NRC के विरोध में वामदलों ने गुरुवार को बिहार बंद की घोषणा की थी। वामदलों के नेताओं ने कहा कि दवा की दुकान, अस्पताल और अस्पताल जा रही गाड़ियों को बंद से मुक्त रखा गया है। इधर, बंद से निबटने के लिए सरकार ने सभी जगहों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं। ADG मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने बिहार बंद को लेकर पुलिस अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है। बंद के दौरान राज्यभर में कहीं भी हिंसा या उपद्रव करनेवाले पकड़े जायेंगे, तो उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाये, साथ ही अफवाह फैलानेवालों पर भी कार्रवाई होगी।
JAP के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने लोगों से अपील की है कि बिहार बंद को सफल बनाने में बिहारवासी सहयोग करें। वहीं, AAP के बिहार प्रदेश अध्यक्ष शत्रुघ्न साहू ने बिहार बंद का नैतिक समर्थन किया है। इधर, BJP प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि CAA से किसी भी समाज या वर्ग को कोई नुकसान नहीं है। जबकि, सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी, जो उन देशों के अल्पसंख्यक जुल्म और अत्याचार के साथ धार्मिक तौर पर प्रताड़ित होकर आये लोगों को सभी प्रकार के अधिकार देने के लिए नागरिकता देना है। उन्होंने कहा कि नेहरू-लियाकत समझौते में धार्मिक तौर पर प्रताड़ित विस्थापित लोगों को अपने-अपने देशों में पूर्ण सुरक्षा देना था, जो अब तक नहीं किया जा सका। उसे मोदी सरकार ने 70 वर्षों बाद जमीन पर उतारने का काम किया है। नागरिकता संशोधन विधेयक 1955 को, जिसमें नागरिकता प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 11 वर्ष था, जिसे घटा कर पांच वर्ष किया गया है। खास समुदाय के लोगों कि राजनीति करनेवाली पार्टियों को अपने वोट बैंक को पक्का करने के लिए उनको वर्तमान सरकार के खिलाफ भड़काने और उनके अंदर डर भय पैदा करने का काम कर रहें हैं।
बीजेपी प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि विपक्षी दलों का बिहार बंद सियासी नौटंकी है। बिहार के कुछ दलों की तरफ से बुलाया गया बंद चोरी और सीना जोरी वाली कहावत का प्रारूप है। ये दल भले ही लाख गला फाड़ कर लोगों के हित में बिहार बंद करने का दावा करें, लेकिन वास्तविकता यही है कि झूठ बोल जनता को भड़काने के बावजूद बिहार में फैली शांति देख इनके सीने पर सांप लोट रहे हैं। जनता इनकी असलियत अच्छे से जानती है, इसीलिए धरातल पर इस बंद को किसी का समर्थन नहीं है। परंतु, कुछ उपद्रवी तत्व इनके साथ जरूर आ सकते हैं. लोगों को उनसे सावधान रहने की जरूरत है। बिहार की जनता जानती हैं इन दलों की बुनियाद ही तुष्टिकरण और भेदभाव पर टिकी है। इसलिए ये लोग एक तरफ घुसपैठियों का समर्थन कर रहे हैं और दूसरी तरफ केंद्र सरकार की तरफ से लाये गये नागरिकता संशोधन कानून पर झूठ बोल कर बिहार की शांति भंग करने की साजिश कर रहे हैं।