कोलकाता के साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार ने बंगाल की राजनीति में भूचाल ला दिया है. आरोपियों का संबंध तृणमूल छात्र संगठन से होने के दावे और TMC नेताओं के विवादास्पद बयानों ने विवाद को और बढ़ा दिया है. पार्टी नेताओं के बयानों से किनारा करने के बावजूद विपक्ष मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी पर सवाल उठा रहा है और उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता स्थित साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में 25 जून को एक 24 वर्षीय छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार मामले ने राजनीतिक हलकों में उबाल ला दिया है. जहां एक ओर आरोपी का संबंध तृणमूल कांग्रेस (TMC) के छात्र संगठन से जुड़ा बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर TMC के वरिष्ठ नेताओं के विवादास्पद बयानों ने आग में घी डालने का काम किया है और अपने ही नेताओं से बयान से सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी खुद ही घिर गई है.
हालांकि पार्टी ने अपने सांसद और विधायक के बयानों से किनारा कर लिया है. वहीं, घटना के सार्वजनिक हुए 24 घंटे से ज्यादा हो गये हैं. इस पूरे मामले पर सीएम ममता बनर्जी चुप हैं. उनका कोई बयान नहीं आया है. बीजेपी ने उनसे माफी मांगने और उनके इस्तीफे की मांग की है. बीजेपी ने शनिवार को प्रदर्शन किया और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार सहित अन्य नेता गिरफ्तार कर लिये गये.
कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा के विवादास्पद बयान
घटना के सार्वजनिक होने के बाद मीडिया ने जब तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी से प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा, “यदि कोई फ्रेंड रेप करता है, तो आप क्या कर सकते हैं? अब स्कूलों और कॉलेजों में पुलिस तैनात की जाएगी?”
इसी कड़ी में तृणमूल विधायक और पूर्व मंत्री मदन मित्रा ने भी विवादित टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर वह लड़की यूनियन रूम में नहीं जाती तो यह सब नहीं होता. अगर वह अपने दोस्तों को साथ ले जाती या किसी को बता देती तो ऐसा नहीं होता. यह घटना लड़कियों को सबक देती है कि उन्हें कहां जाना चाहिए और कहां नहीं.”
पार्टी नेताओं के बयान से टीएमसी ने बनाई दूरी
इन बयानों के बाद तृणमूल कांग्रेस की आलोचना बढ़ने लगी. पार्टी ने तत्काल अपने आधिकारिक सोशल मीडिया एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट से एक बयान जारी करते हुए कहा, “साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में हुए जघन्य अपराध के संबंध में सांसद कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा द्वारा की गई टिप्पणियां उनके व्यक्तिगत विचार हैं. पार्टी इससे सहमत नहीं है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती है.”
कल्याण बनर्जी ने TMC पर ही उठाए सवाल
हालांकि, पार्टी द्वारा दूरी बनाए जाने के बावजूद कल्याण बनर्जी ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी और TMC के बयान से असहमति जताते हुए कहा, “मैं पार्टी के बयान से पूरी तरह असहमत हूं. क्या पार्टी अप्रत्यक्ष रूप से उन नेताओं का समर्थन कर रही है जो अपराधियों को बचा रहे हैं?”
उन्होंने पार्टी में 2011 के बाद उभरे कुछ नेताओं पर सवाल खड़े करते हुए लिखा, “मैं उनसे खुद को अलग करता हूं जो ऐसे अपराधियों को संरक्षण देते हैं. अगर वास्तव में बदलाव चाहिए, तो दोषी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, न कि केवल बयानबाजी.”
बीजेपी ने ममता बनर्जी से मांगा इस्तीफा
गैंगरेप की इस घटना और TMC नेताओं के बयानों के बाद भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है. पार्टी ने शनिवार को कोलकाता में जोरदार प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने किया. पुलिस द्वारा प्रदर्शन रोकने की कोशिश के दौरान सुकांत मजूमदार सहित कई भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया गया. भाजपा नेता अमित मालवीय ने इसे लेकर ममता बनर्जी की सरकार पर हमला बोला.
बीजेपी नेताओं ने कहा कि यह शर्मनाक है कि घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. बीजेपी ने उनसे माफी मांगने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की है. पार्टी ने आरोप लगाया कि टीएमसी अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण दे रही है और कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है.
जानें क्या घटी थी घटना?
यह घटना 25 जून को घटी जब लॉ कॉलेज की छात्रा परीक्षा फॉर्म भरने कॉलेज गई थी. पीड़ित छात्रा के मुताबिक, उसे कॉलेज परिसर में मौजूद गार्ड रूम में ले जाया गया, जहां उसके कपड़े उतारे गए और उसके साथ बलात्कार किया गया.
पीड़िता के बयान के अनुसार, इस जघन्य कृत्य को तृणमूल छात्र परिषद के पूर्व कॉलेज अध्यक्ष मोनोजीत मिश्रा और दो अन्य छात्रों-जैब अहमद (19) और प्रमित मुखर्जी (20) ने अंजाम दिया. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इनके अलावा, कॉलेज गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी सह-आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया गया है और कोलकाता पुलिस ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है.

