National Doctor Day 2025

National Doctor Day 2025: जानिए क्यों मनाया जाता है नेशनल डॉक्टर्स डे

हर साल भारत में 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे (National Doctor’s Day) मनाया जाता है। नेशनल डॉक्टर्स डे देश के उन सभी डॉक्टरों के लिए एक सम्मान के तौर पर मनाया जाता है, जो मानव जीवन को बचाने, रोगों से लड़ने और स्वस्थ समाज के निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं। भारत जैसे विविधताओं वाले देश में डॉक्टरों की भूमिका सिर्फ एक मरीज के इलाज तक सीमित नहीं है। बल्कि डॉक्टर समाज में जागरूकता लाने और पुरानी कुरीतियों को तोड़कर नया नजरिया देने का भी काम करते हैं।

यह दिन डॉ. बिधान चंद्र रॉय की स्मृति में 1991 में भारत सरकार द्वारा आरंभ किया गया था। डॉ. रॉय न केवल एक प्रसिद्ध चिकित्सक थे, बल्कि पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में भी देश सेवा में अग्रणी रहे।

इतिहास और पृष्ठभूमि
डॉ. बी.सी. रॉय का जन्म 1 जुलाई को हुआ था और उन्हीं की पुण्यतिथि भी यही दिन है।

वे भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) और भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) के संस्थापक थे।

उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

उनका जीवन चिकित्सा नैतिकता, सेवा और नेतृत्व का प्रतीक था।

2025 की थीम: “Behind the Mask: Who Heals the Healers?”
इस वर्ष की थीम स्वास्थ्यकर्मियों की मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक भलाई पर केंद्रित है।

यह संदेश देती है कि डॉक्टर भी इंसान हैं—वे तनाव, थकावट और भावनात्मक दबाव से गुजरते हैं।

थीम का उद्देश्य है चिकित्सकों के लिए परामर्श, मानसिक स्वास्थ्य संसाधन और कार्य-जीवन संतुलन जैसी सहयोगी व्यवस्थाओं को बढ़ावा देना।

महत्त्व और उद्देश्य
यह दिन डॉक्टरों के निःस्वार्थ समर्पण, दैनिक चुनौतियों, और आपातकालीन स्थितियों में उनकी सतत सेवा को सम्मानित करता है।

साथ ही, यह समाज और नीति निर्माताओं को स्वास्थ्यकर्मियों के सुरक्षा, सम्मान, और संपर्क साधनों के बारे में जागरूक करता है।

डॉ. बी.सी. रॉय की विरासत
आधुनिक भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था की नींव रखने में उनकी भूमिका ऐतिहासिक है।

उन्होंने चिकित्सा शिक्षा, अस्पतालों और सार्वजनिक स्वास्थ्य संरचना को मजबूत किया।

उनका जीवन भावी पीढ़ी के डॉक्टरों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।

डॉक्टर्स डे कैसे मनाएं?
धन्यवाद पत्र या हस्तलिखित संदेश भेजें।

सोशल मीडिया पर #DoctorsDay या #NationalDoctorsDay के साथ प्रशंसा साझा करें।

स्थानीय अस्पतालों के साथ मिलकर ऑनलाइन स्वास्थ्य सेमिनार आयोजित करें।

डॉक्टरों के लिए भोजन, देखभाल पैकेज या सहायता उपलब्ध कराएं।

अपने पारिवारिक डॉक्टर से मिलें या फोन करके आभार व्यक्त करें।

यह दिन क्यों महत्वपूर्ण है?
यह सिर्फ औपचारिक धन्यवाद नहीं है—बल्कि डॉक्टरों की भूमिका, उनके अधिकारों, और स्वस्थ स्वास्थ्य तंत्र की आवश्यकता को समझने का अवसर है।

यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम अपने स्वास्थ्य रक्षकों के लिए भी एक सुरक्षित, सहयोगी और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करें।…
आज के समय में आप किसी भी बीमारी को लेकर डॉक्टर के पास जाएंगे तो वो एक बात जरूर कहते हैं. ‘अपनी लाइफस्टाइल ठीक करो’ ये इसलिए कहते हैं क्योंकि अधिकतर बीमारियों का कारण ( जेनिटिक को छोड़कर) खराब लाइफस्टाइल और खानपान है. कई मामलों में तो बीमारी दवा की जगह केवल अच्छे लाइफस्टाइल से भी ठीक हो सकती है. डॉक्टर्स डे के मौके पर जब हमने कुछ डॉक्टरों से बात की, तो एक और बात निकलकर आई. दवा तभी असर करती है, जब लाइफस्टाइल उसका साथ दे.

अब आप ये भी जानें कि लाइफस्टाइल का खराब होना क्यों बीमारियों की जड़ है. कुछ मामलों में दवाएं भी बेअसर क्यों हो जाती है? इस बारे में आरएमएल हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में यूनिट हेड डॉ सुभाष गिरि कहते हैं कि बीते कुछ सालों में जो बीमारियां बढ़ रही हैं. उनमें अधिकतर खराब लाइफस्टाइल के कारण हो रही हैं. जैसे कैंसर,हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़, थायरॉइड और मोटापा. इनकी मुख्य वजह खराब लाइफस्टाइल ही है. अगर इसको अच्छा रखते हैं तो बीमारियों से बचा जा सकता है.

लाइफस्टाइल की क्या खराब आदतें बीमारियों को बढ़ा रही हैं?
कौन सी दवाएं लंबे समय में नुकसान कर सकती हैं?
पेन किलर

एंटीबायोटिक

स्टेरॉयड

एंटाएसिड

लाइफस्टाइल ठीक कैसे रखें
सही समय पर सही काम करने से लाइफस्टाइल ठीक रहता है. जैसे सोने और जागने का टाइम फिक्स करें. सुबह उठते ही पानी पीएं. रोज कुछ देर सूरज की रोशनी में जाएं. 9 बजे से पहले हल्का प्रोटीन ब्रेकफास्ट (अंडा, मूंग, दूध) कर लें. दोपहर 12 बजे लंच + 10 से 15 मिनट धीमी वॉक करें. शाम या सुबह 6-7 बजे के थोड़ी एक्सरसाइज जरूर करें और 10 बजे से पहले सो जाएं. सोने से पहले फोन या लैपटॉप का यूज बिलकुल न करें.

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