कर्नाटक में चल रहा हिजाब विवाद (Karnataka Hijab controversy) थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ इस मामले पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने सभी हाई स्कूल और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश जारी किया है।
छात्रों द्वारा हिजाब (Hijab) पहनने को लेकर उठे विवाद के बीच कर्नाटक में सभी स्कूल और कॉलेज अगले तीन दिनों तक बंद रहेंगे। मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने ट्वीट किया कि उन्होंने “शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए” सभी हाई स्कूल और कॉलेजों को बंद रखने का आदेश दिया है।
इस बीच, कथित रूप से एक शैक्षिक संस्था में तिरंगे के स्थान पर भगवा झंडा लहराया गया है। इस घटना से संबंधित वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किये जा रहे हैं। यह घटना शिमोगा के एक संस्थान की बताई जा रही है। इस मुद्दे पर कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी चिंता जाहिर की है।
डीके शिवकुमार ने मंगलवार को कहा कि जिन संस्थाओं में ऐसी घटनाएं हो रही हैं, उन्हें कुछ दिनों के लिए बंद कर देना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, “कर्नाटक के कुछ शैक्षणिक संस्थानों की स्थिति इतनी खराब हो गई है कि एक मामले में राष्ट्रीय ध्वज को भगवा ध्वज से बदल दिया गया। मुझे लगता है कि कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए प्रभावित संस्थानों को एक हफ्ते के लिए बंद कर देना चाहिए। शिक्षण ऑनलाइन जारी रह सकता है।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, “शिमोगा के एक कॉलेज में बीजेपी (BJP) से जुड़े कुछ राष्ट्रविरोधी तत्वों ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया है। मैं सभी से विरोध के प्रतीक के रूप में राष्ट्रीय ध्वज के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट करने का आग्रह करता हूं।” इस ट्वीट के साथ उन्होंने हाथ में तिरंगा लिए अपनी एक तस्वीर भी पोस्ट की।
शिमोगा में धारा-144 लागू
वायरल वीडियो शिमोगा के एक कॉलेज का बताया जा रहा है, जहां एक शख्स झंडे के पोल पर चढ़ा हुआ है और भगवा झंडा लगा रहा है, जबकि नीचे काफी लोग जमा हैं। माना जा रहा है कि ये उसी कॉलेज के छात्र हैं। पोल पर भगवा झंडा लहराने के बाद सभी खुशी से चिल्लाते नजर आते हैं। इससे पहले, सुबह में शिमोगा में ही काफी पत्थरबाजी हुई , जिसके बाद वहां धारा-144 लागू कर दी गई है।
कैसे शुरू हुआ विवाद
राज्य में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जहां मुस्लिम छात्राओं को हिजाब में कॉलेजों या महाविद्यालयों में कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जबकि हिजाब के जवाब में हिंदू छात्र भगवा शॉल लेकर शैक्षणिक संस्थान आ रहे हैं। यह मुद्दा जनवरी में उडुपी और चिक्कमंगलुरु में शुरू हुआ था, जहां छात्राएं हिजाब पहनकर कक्षाओं में आई थीं। इसके बाद इसी तरह के मामले कुंडापुर और बिंदूर के कुछ अन्य कॉलेजों में भी आए। बाद में कुछ अन्य जगहों से भी इस तरह के मामले आए जहां मुस्लिम लड़कियों ने हिजाब (Hijab) पहनकर कक्षाओं में जाने की अनुमति की मांग की।
कर्नाटक ने शैक्षणिक संस्थानों में सद्भाव ‘बिगाड़ने’ वाले कपड़ों पर प्रतिबंध
कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब (Hijab) पर विवाद के बढ़ने के बीच राज्य सरकार ने बीते 5 फरवरी को ऐसे कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया जो स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और लोक व्यवस्था को बिगाड़ते हैं।
सरकारी आदेश में कहा गया है, “कर्नाटक शिक्षा कानून, 1983 के खंड 133 (2) को लागू किया गया है जिसमें यह कहा गया है कि एक समान शैली की पाोशाक अनिवार्य रूप से पहनी जानी चाहिए। निजी स्कूल प्रशासन अपनी पसंद के परिधान का चयन कर सकता है।”