जम्मू-कश्मीर आतंकियों का आतंक कम होने का नाम ले रहा है। आए दिन यहां सुरक्षाबलों और आतंकियों में मुठभेड़ होती रहती है। ऐसे में इस बार सुरक्षाबलों के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है।
सुरक्षाबलों को गुरुवार को हिजबुल के चार ओवर ग्राउंड वर्कर के सोपोर में होने की सूचना मिली। सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस और सुरक्षाबलों ने बड़ी मुस्तैदी से इस उन सभी को गिफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं गिफ्तार किए गए ग्राउंड वर्कर के पास से हथियार और गोला बारूद बरामद किए गए हैं। पुलिस इन सभी से पूछताछ कर रही है। वहीं ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि इन ओवर ग्राउंड वर्कर से पूछताछ में कई खुलासे भी हो सकते हैं।
इससे पहले 1 नवंबर को भी उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा इलाके से शुक्रवार को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के दो ओवर ग्राउंड वर्कर यानी ओजीडब्ल्यू को सुरक्षाबलों ने अरेस्ट किया था। जिसके बाद उनके पास से तीन हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए थे।
21 राष्ट्रीय राइफल्स तथा एसओजी की ओर से हंदवाड़ा में नाका लगाया गया था। चेकिंग के दौरान दो संदिग्धों को रोका गया। पूछताछ में इन्होंने लश्कर के ओजीडब्ल्यू के रूप में काम करने की बात को स्वीकार किया। बता दें इनकी पहचान मागाम हंदवाड़ा के जफर व तजामुल के रूप में हुई थी।
जानिए कौन हैं ओवर ग्राउंड वर्कर
ओवर ग्राउंड वर्कर जिसे हम ओजीडब्ल्यू भी कहते हैं। ये आम लोगों की तरह रहकर आतंकियों के लिए काम करते हैं। जब भी किसी आतंकवादी घटना को अंजाम देना होता है तो ओजीडब्ल्यू आतंकवादियों के लिए जमीन तैयार करते हैं। इतना ही नहीं यह आतंकियों तक सुरक्षाबलों की सूचनाएं पहुंचाने के साथ ही उनके लिए हथियार, पैसा और सुरक्षित ठिकाने का बंदोबस्त करते हैं। आतंकवादियों के साथ ये ओजीडब्ल्यू सेना के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं हैं।
कश्मीर में सुरक्षाबलों के भारी दवाब के चलते आतंकी और उनके मददगार ओवर ग्राउंड वर्कर छिपे रहते हैं। ऐसे में अब सुरक्षाबलों ने ऐसी रणनीति बनाई है कि आम लोगों के साथ उनका संपर्क ही न होने पाए। जिसके बाद से जम्मू-कश्मीर में पथराव की घटनाएं भी कम हुई हैं।