भले ही झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा अब तक नहीं हुई हो, लेकिन राजनीतिक पार्टियों की तैयारियां धीरे-धीरे परवान चढ़ रही हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अगुआई में चुनावी अभियान का आगाज करते हुए भाजपा ने जहां वर्तमान मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व का फिर से एलान करते हुए संताल में जन आशीर्वाद यात्रा शुरू की। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने सत्ता परिवर्तन का दम भरते हुए राज्य के सभी 24 जिलों में बदलाव यात्रा निकालने का महती अभियान छेड़ा। सीएम रघुवर दास की जन आशीर्वाद यात्रा पहला पड़ाव पार करते हुए गुरुवार से कोल्हान का रुख करेगी, जबकि हेमंत की बदलाव यात्रा भी दूसरे पड़ाव पर आ पहुंची है। इधर बुधवार से पूर्व मुख्यमंत्री और झाविमो सुप्रीमो राजधानी रांची से जनादेश समागम की शुरुआत कर रहे हैं।
रघुवर-हेमंत दोनों बता रहे एक दूसरे काे बाहरी
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जहां अपनी सभाओं में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को ही प्राय: निशाने पर रखते हैं। वहीं रघुवर दास भी हेमंत सोरेन पर काफी आक्रामक नजर आ रहे हैं। दोनों नेता अपनी सभाओं में एक-दूसरे को बाहरी बताते हैं। हालांकि, अभी विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन दोनों भाजपा-झामुमो के चुनाव प्रचार में अभी से तल्खी नजर आ रही है।
भाजपा और झामुमो की ओर से दोनों स्टार प्रचारकों में शुमार हैं, ऐसे में जमकर व्यक्तिगत हमले भी किए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले ही हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को कानूनी नोटिस भेजकर कार्रवाई की चेतावनी दी है। रघुवर अपनी सभाओं में लोगों को यह बताने से भी नहीं चूकते कि सोरेन परिवार रामगढ़ जिले के गोला से है, जो संताल परगना से 200 किलोमीटर दूर है। जबकि हेमंत यह बताना नहीं भूलते कि रघुवर राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से झारखंड में आए हैं।
मुख्यमंत्री रघुवर दास की जन आशीर्वाद यात्रा में भाजपा ने झोंकी ताकत
झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर 65 प्लस के लक्ष्य पर काम कर रही भाजपा ने मुख्यमंत्री रघुवर दास की जनआशीर्वाद यात्रा में पूरी ताकत झोंक रखी है। बीते एक सप्ताह से संताल परगना के अलग-अलग जिलों में सीएम ने सभा के जरिये संताल को झामुमो मुक्त का नारा दिया। यहां लगभग हर सभा में उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा पर निशाना साधते हुए दिशोम गुरु शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन पर विकास के नाम पर झारखंड को छलने की बात कहकर जनता से जुड़ाव की पूरी कोशिश की।
झारखंड में फिर से एक बार रघुवर सरकार का आह्वान करते हुए सीएम ने यहां तक कहा कि आने वाले दिनों में झारखंड में कोई झामुमाे का नाम लेने वाला भी नहीं बचेगा। बीते दिन देवघर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए रघुवर दास ने आरोप लगाया कि सोरेन परिवार ने संथालों का शोषण किया है। उन्होंने संताल परगना में संथाली आदिवासियों की जमीन हड़प ली है। जन आशीर्वाद यात्रा के दूसरे पड़ाव में मुख्यमंत्री गुरुवार से कोल्हान का रुख करेंगे। यहां जमशेदपुर, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां में वे विरोधियों को मात देने की पूरी कोशिश करेंगे।
हेमंत की बदलाव यात्रा में सत्ता परिवर्तन का आह्वान
पहले राजधानी रांची में आक्रोश रैली और फिर बदलाव यात्रा के जरिये भाजपा विरोधी वोटरों को साधने निकले पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बदलाव यात्रा के दूसरे पड़ाव पर हैं। अब तक 10 से अधिक जिलों में यह यात्रा पूरी हो चुकी है। यहां हेमंत सोरेन ने सीएम रघुवर दास को ही निशाने पर रखा। भाजपा सरकार में लूट-खसोट और विकास के हवा-हवाई दावे को आगे कर उन्होंने लोगाें से जुड़ने की पूरी कोशिश की है। मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रति खासे आक्रामक नजर आ रहे हेमंत ने अब तक की बदलाव यात्रा में तमाम आरोप लगाए हैं, जिनमें सरकार के कागजी विकास, कमीशनखोरी-भ्रष्टाचार, जंगल-जमीन लूटने, बिजली-पानी की अनुपलब्धता और स्थायी सरकार के नाम पर जनता को छलने आदि मसले प्रमुखता से शामिल हैं।
बाबूलाल का जनादेश समागम आज से
पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी बुधवार से जनादेश समागम की शुरुआत कर रहे हैं। अब तक चुनावी अभियान में भाजपा और झामुमो से पीछे चल रहे झाविमो ने इसके जरिये आधुनिक झारखंड बनाने का नारा दिया है। ऐसी चर्चा है कि समागम के सहारे विपक्षी महागठबंधन बनने से पहले बाबूलाल भी अधिकतम सीटों पर दावेदारी के लिए मैदान में उतर रहे हैं। कयास लगाया जा रहा है कि जिन नेताओं का झाविमो से मोहभंग हो चुका है, उन्हें रोकने के लिए बाबूलाल ने यह रणनीति अपनाई है। बहरहाल झारखंड का राजनीतिक माहौल पूरी तरह गरमा गया है। एक साथ मैदान में दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक वर्तमान मुख्यमंत्री के उतरने से समूचे झारखंड में सियासी तपिश महसूस की जा रही है।
