इस कलयुग में इंसान तो इंसान यहां भगवान का पैसा भी यस बैंक की आर्थिक मंदी की भेंट चढ़ता दिख रहा है। जिन ग्राहकों का पैसा यस बैंक में फंसा है वो तो भगवान भरोसे हैं ही, लेकिन यहां तो भगवान जगन्नाथ की स्थिती भी डावाडोल है।
आपको बता दें ओडिशा के पुरी धाम में स्थित भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर के एक या दो नहीं बल्की पूरे 545 करोड़ रुपए यस बैंक में फंसे होने की खबर सामने आई है। दान और चढ़ावे के रूप में मंदिर को हर साल करोड़ों रुपये मिलते हैं। जो यस बैंक में जमा होता है। इतना ही नहीं अन्य मदों से आने आने वाला पैसा भी भगवान जगन्नाथ के खाते में जमा होता है। ऐसे में जैसे ही यस बैंक के आर्थिक संकट की खबर फैली यहां हड़कंप मच गया। अब जगन्नाथ मंदिर के ट्रस्टी और पुजारियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मंदिर का पैसा वापस दिलाने की मांग की है।
खबर तो ये भी है कि इस बाबत समाजवादी पार्टी के ओडिशा के अध्यक्ष रवि बेहरा राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को लिखा है। इतना ही नहीं उन्होंने पीएम मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सीधे इस मामले पर दखल देने की मांग की है साथ ही दोषियों पर जल्द जल्द कार्रवाई की बात भी कही है।
आपको बता दें बीते गुरुवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने यस बैंक के खाताधारकों के बैंक से 50 हजार रुपये से ज्यादा निकालने पर पाबंदी लगा दी थी। सूत्रों की माने तो बीते काफी दिनो से वित्तीय अनियमितता देखने को मिल रही थी, जिसकी वजह से ये फैसला लिया गया था। फिलहाल रिजर्व बैंक ने अगले एक महीने के लिए ही इस नियम को लागू किया है। जिसका सीधा अर्थ है कि यस बैंक के ग्राहक अगले 1 महीने तक मात्र 50 हजार रुपये की ही धनराशी अपने खाते से निकाल सकेंगे। इतना ही नहीं इस बैंक के कारोबार पर भी कई तरह की पाबंदियां लगाई गयी हैं।