मकड़ी के जालों से कमजोर है इजराइल, अमेरिकी बमों की भी कोई हैसियत नहीं… हिजबुल्लाह चीफ की चुनौती

इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग के बीच लेबनानी शिया इस्लामवादी समूह ‘हिजबुल्लाह’ ने इजराइल के खिलाफ हमास का समर्थन करने का ऐलान किया है. शुक्रवार को उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से बेरुत में सभा को संबोधित करते हुए इजराइल के खिलाफ खुलकर लड़ाई का ऐलान किया.

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच घमासान जंग के बीच इजराइली सैनिक गाजा में प्रवेश कर लिया और हमास को कड़ी चुनौती दे रहे हैं. इस जंग को लेकर दुनिया दो खेमों में बंट गई है. कुछ देश इजराइल का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ गाजा के लोगों का समर्थन कर रहे हैं. इस बीच ‘हिजबुल्लाह’ के नेता हसन नसरुल्लाह ने हमास का समर्थन करने का ऐलान कर इजराइल की चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन में बड़ा युद्ध हो रहा है, जो जिंदा हैं, उन्हें मारा जा रहा है. इजराइल की सरकार जालिम है.

हसन नसरुल्लाह ने लेबनान के बेरुत में बड़ी रैली की है. सात अक्टूबर के बाद नसरुल्लाह का पहला भाषण है. इस भाषण को लेकर बेरुत में जगह-जगह टीवी स्क्रीन लगाए गए हैं और सभा में भारी भीड़ उमड़ी है.

उन्होंने कहा कि अल अक्सा मस्जिद में शहीद हुए शहीदों के बारे में बात करेंगे. बात करना हमारा मकसद है. जंग में मारे गए लोगों के बारे में बात करूंगा. यह मारे गए लोगों के बारे में याद करने का समय है, जो मारे गए उन्होंने बड़ी कामयाबी हासिल की है. मारे गए लोगों पर बड़ा अत्यचार हुआ है. उन्होंने कहा कि हमास के पास हमले के सिवा कोई विकल्प नहीं था.

फिलिस्तीन में बच्चों पर हो रहा अत्याचार

उन्होंने कहा कि उनको परेशान किया गया है, जो मारे गए या जिनके परिवार के शहीद हुए हैं, उन्हें लेकर चिंता नहीं करें. उनको मुर्दा मत कहो.. जो अत्याचार से शहीद हुए हैं. उन्होंने कहा कि फिलिस्तानियों पर जुर्म हुआ है.

हसन नसरुल्लाह ने कहा कि कोई भी युद्ध इसे बड़ा युद्ध नहीं है, जो इस वक्त फिलिस्तीन में चल रहा है. फिलिस्तीन में सबसे बड़ा युद्ध चल रहा है. उन्होंने कहा कि सारे देश कह रहे हैं कि वे फिलिस्तीन का समर्थन करते हैं, लेकिन वह इरानी फौज का सम्मान करते हैं. 7 अक्टूबर को हमला फिलिस्तीन का मुक्ति युद्ध है.

उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन में जो हो रहा है कि वह बहुत की गलत हो रहा है. जो हो रहा है कि उस नफरत को बताने के लिए शब्द नहीं है.

हिजबुल्लाह ने बेरुत में की बड़ी रैली, जानें कौन हैं नसरुल्लाह

बता दें कि हसन नसरुल्लाह लेबनानी शिया इस्लामवादी समूह ‘हिजबुल्लाह’ के प्रमुख हैं. 18 अगस्त 1960 को उनका जन्म एक शिया परिवार में हुआ था. साल 1975 में जब लेबनीज गृह युद्ध हुआ, तो उनका परिवार Bazourieh में बस गया. उस वक्त नसरुल्लाह 15 वर्ष के थे.

वहां जाने के बाद उन्होंने सीनियर सेकेंडरी स्कूल ही अमल मूवमेंट नाम के एक समूह के साथ जुड़ गए. यह लेबनानी शिया राजनीतिक समूह है. उन्होंने शुक्रवार को अपने अनुयायियों को संबोधित किया. इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद उनका पहला सार्वजनिक भाषण है.

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