Internet बंदी से भारत को लग चुकी है 9423 करोड़ का नुकसान

कश्मीर में Internet पर रोक लगाना कोई नई बात नहीं है। दुनियाभर के तमाम देशों में अलग-अलग कारणों से Internet पर पाबंदी लगती रही है। फिलहाल कगी ही रिपोर्ट बताती है कि 2019 में तमाम देशों में हुई Internet बंदी के मामले में भारत तीसरे नंबर पर रहा। पहले नंबर पर म्यांमार और दूसरे नंबर चाड है। शटडाउन से नुकसान का आकलन करने वाली संस्था ब्रुकलिन इंस्टीट्यूट के अनुसार Internet बंदी वजह से हुए आर्थिक नुकासान के लिहाज से भी भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है।
यहां नुकसान के मामले में पहले नंबर पर इराक और दूसरे नंबर पर सूडान है। करीब 4 हजार घंटे शटडाउन से भारत में लगभग 9423 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यानी हर घंटे करीब सवा दो करोड़ की चपत। 53 करोड़ Internet यूजर्स हैं इस समय भारत में हैं।

दुनिया में शटडाउन और नुकसान (2019)

देश शटडाउन अवधि (घंटो में) नुकसान

  1. इराक 263 घंटे
    16444.029 करोड़ रुपये लगभग
  2. सूडान 1,560 13231.806
  3. भारत 4,196 9423.939
  4. वेनजुएला 171 7601.552
  5. ईरान 240 4332.601
  6. अल्जीरिया 50 1411.109
  7. इंडोनेशिया 416 1326.017
  8. चाड 4,728 886.375
  9. श्रीलंका 337 588.553
  10. म्यांमार 4,880 531.825
    (स्रोत : टॉप10वीपीएन)

देश में चार बड़े शटडाउन

  1. 159 दिन : कश्मीर
    कब तक : 4 अगस्त 2019 से अब तक
  2. 145 दिन : कारगिल
    कब तक : 4 अगस्त 2019 से 27 दिसंबर 2019
    क्यों : जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद स्थिति को नियंत्रण में बनाए रखने के लिए
  3. 133 दिन : कश्मीर
    कब तक : 8 जुलाई 2016 से 19 नवंबर 2016
    क्यों : आतंकी बुरहान वानी को ढेर किए जाने के बाद
  4. 100 दिन : दार्जलिंग
    कब तक : 18 जून 2017 से 25 सितंबर 2017 तक
    क्यों : अलग गोरखालैंड की मांग पर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बाद सरकार का फैसला
    (स्रोत : इंटरनेटशटडाउंस.इन)

कश्मीर में कितनी बार इंटरनेट बंद
साल कितनी बार
2019 55
2018 65
2017 32
2016 10
2015 5
2014 5
2013 5
2012 3
कुल : 180 बार

शटडाउन के कारण (8 जवरी 2020 तक)

  1. जनवरी 2012 से 4 जनवरी 2020 तक देश में कुल 381 शटडाउन हुए
  2. 236 बार कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किए गए
  3. 146 बार किसी दूसरे कारणों से इंटरनेट को बंद किया गया
  4. 93 बार 24 घंटे से कम की थी शटडाउन की अवधि
  5. 74 बार 24 से 72 घंटे के बीच की थी यह अवधि
  6. 41 बार 72 घंटे के लिए बंद किया गया इंटरनेट

क्या होता है इंटरनेट शटडाउन

एक खास क्षेत्र में तय अवधि के लिए Internet को बंद कर दिया जाता है। आमतौर पर ऐसा कदम अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए उठाया जाता है। इंटरनेट के बंद होने से अलग-अलग क्षेत्र विभिन्न प्रकार से प्रभावित होते हैं।

मानवाधिकार :
एक जुलाई 2016 को एक प्रस्ताव पास कर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए Internet पर पाबंदी की कड़ी आलोचना की थी। प्रस्ताव में कहा गया कि ऑनलाइन दुनिया में उतनी ही अभिव्यक्ति की आजादी होनी चाहिए जितनी की ऑफलाइन दुनिया में होती है।

व्यापार और उद्योग :
शटडाउन के कारण दुनियाभर को हुए नुकसान का आकलन करने वाली संस्था ब्रूकलिन इंस्टीट्यूट के अनुसार, भारत इस सूची में अव्वल है। द कश्मीर चेंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का कहना है कि 5 अगस्त 2019 से Internet बंद होने के कारण घाटी की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो चुका है।

शिक्षा :
इस क्षेत्र में भी Internet शटडाउन का सबसे ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव देखा गया है। छात्र उनसे जुड़ी महत्वपूर्ण सूचनाओं को प्राप्त करने से चूक जाते हैं।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव :
कश्मीर में समुदाय प्रबंधक सादिया इश्फाक का कहना है कि आज हम कई चीजों के लिए Internet पर निर्भर करते हैं। इसको बंद कर दिए जाने पर ऐसा लगता है मानो किसी ने हमें अलग-थलग कर दिया है।

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