Bedroll arrangement in the train

अब यात्रियों को खुद लेकर चलना होगा बेडरोल

कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने पर रेल प्रशासन ने 10 मार्च से एसी कोच से पर्दे हटवा दिए थे और यात्रियों को Bedroll देना बंद कर दिया था। यह व्यवस्था अस्थायी रूप से लागू की गई थी। इसके बाद रेलवे ने 22 मार्च से देश भर में चलने वाली सभी ट्रेनों में बेडरोल देना बंद कर दिया। अनलॉक में धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है। रेलवे बोर्ड ने अब भविष्य में AC कोच में बेडरोल नहीं देने का फैसला लिया है। रेलवे बोर्ड के निदेशक स्टोर (आइसी) कंवल प्रीत ने आठ सितंबर को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। पत्र में कहा कि भविष्य में रेलवे AC कोच में बेडरोल उपलब्ध नहीं कराएगा। अब AC के टिकट में बेडरोल का किराया शामिल नहीं किया जाएगा। सभी अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि AC कोच में Bedroll देने का ठेका तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दें। बेडरोल से संबंधित कोई की सामान खरीदने की निविदा आमंत्रित नहीं होगी। यदि हो गई है तो उस आर्डर को तत्काल निरस्त कर दें। पत्र में स्पष्ट कर दिया है कि ट्रेनों के नियमित चलने पर रेलवे बोर्ड बेडरोल देने पर विचार कर सकता है। एसी में सफर करने वाले यात्रियों को Bedroll लेकर चलना पड़ेगा। प्रवर मंडल वाणिज्य प्रबंधक रेखा शर्मा ने बताया कि बोर्ड के आदेश पर AC कोच में बेडरोल नहीं दिया जा रहा है। ठेका आदि निरस्त करने की कार्रवाई संबंधित विभाग द्वारा की जा रही है।

पहली जून से देश भर में सौ जोड़ी Covid स्पेशल ट्रेन चलाई गईं। उनमें Bedroll नहीं दिया जा रहा है। AC के टिकट में यात्री से 25 रुपये Bedroll का चार्ज लिया जा रहा था। आदेश आने के बाद टिकट का किराया तत्काल कम कर दिया गया है। यात्रियों को टे्रन के एसी कोच में सफर करने के लिए घर से चादर, तकिया, तौलिया, कंबल (बेडरोल) लेकर चलना होगा।

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