इस कोरोना संकट काल में जहां पाकिस्तान की ओर से कश्मीर घाटी में लगातार आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है। तो वहीं अब खबर है कि पाकिस्तान उच्चायोग के दो अफसरों को जासूसी के आरोप में पकड़ा गया है। पकड़े गए आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन उच्चायोग के वीजा डिपार्टमेंट में काम करते थे। दोनों को ही दिल्ली के करोल बाग से गिरफ्तार किया गया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भारत ने दोनों को पर्सोना-नॉन ग्रेटा घोषित किया है। इन दोनों ही अफसरों पर महीनों से एजेंसी की नजर थी। बीते रविवार को दोनों वीजा असिस्टेंट करोल बाग इलाके में मीटिंग के लिए गए थे, जहां से दिल्ली पुलिस सपेशल सेल की टीम ने इन्हें रंगे हाथ पकड़। अब इन दोनों को MEA के जरिए पाकिस्तान हाई कमीशन को सौंपने की प्रक्रिया चल रही है।
स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए आबिद और ताहिर आर्मी पर्सन को टारगेट करते थे और खुद को इंडियन बताते थे। इसको लेकर ISI बाकायदा लिस्ट देती थी किन-किन लोगों को टारगेट करना है। साथ ही इनके पास से क्लासिफाइड सीक्रेट डॉक्युमेंट्स मिले हैं। इंडियन आर्मी से जुड़े, स्पेशल सेल की टीम पता लगा रही है कि इनको ये डॉक्युमेंट्स कहां से मिले है।
इस बाबत पाकिस्तान के उप राजदूत को एक आपत्तिपत्र भी जारी किया गया है, जिसमें ये सुनिश्चित करने को कहा गया है कि पाकिस्तान के राजनयिक मिशन का कोई भी सदस्य भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त न हो और अपनी स्थिति से असंगत व्यवहार नहीं करें। वहीं पाकिस्तान ने की ओर से इस कार्रवाई के निंदा करते हुए कहा कि ये पूर्व नियोजित योजना के तहत कार्रवाई हुई है, जो पाकिस्तान विरोधी प्रचार का एक हिस्सा है।