कैलाश मनसरोवर की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों के लिए अच्छी खबर है। अब आपकी यात्रा महज एक सप्ताह में पूरी हो जाएगी। दरअसल उत्तराखंड में चीनी सीमा से लगे ट्राईजंक्शन पर बनी सड़क अब पूरी तरह से बनकर तैयार हो गई है। बता दें इस सड़क का उदघाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते शुक्रवार को किया। ये सड़क पिथौरागढ़ के धारचूला से चीन सीमा के लिपूलेख तक है. इस सड़क को बॉर्डर रोड ऑर्गेनाईजेशन यानी बीआरओ ने करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर तैयार किया है। करीब 200 किलोमीटर लंबी ये सड़क कई मायनों में खास है। मानसरोवर की यात्रा तो आसान हो ही जाएगी साथ ही आपातकाल की स्थिती में इस सड़क के जरिए सेना के मूवमेंट को तेज किया जा सकता है। साथ ही ये सड़क भारत-चीन और नेपाल के ट्राईजंक्शन के पास से गुजरती है। बता दें इस ट्राईजंक्शन के काला-पानी एरिया को लेकर भारत चीन और नेपाल में विवाद चल रहा है। डोकलम विवाद के दौरान चीन को पीछे हटना पड़ा था। तभी से चीन और भारत के बीच ट्राईजंक्शन को लेकर विवाद चल रहा है। इस वजह से भी ये सड़क बहुत महत्वपूर्ण है।
इस सड़क के उदघाटन पर रक्षा मंत्री राजनाथ ने बीआरओ को बधाई देते हुए कहा कि इससे कैलाश मानसरोवर यात्रा को एक हफ्ते में पूरा किया जा सकता है। क्योंकि पहले सिक्किम के नाथूला और नेपाल से कैलाश मानसरोवर की यात्रा में 2-3 हफ्ते लग जाते थे। यात्रा के दौरान 80 प्रतिशत सफर चीन (तिब्बत) में करना पड़ता है और बाकी 20 प्रतिशत की यात्रा भारत में होती थी। लेकिन पिथौरागढ़ की सड़क के बनने से अब ये सफर आसान और छोटा हो जाएगा। अब कैलाश मानसरोवर की यात्रा 84 प्रतिशत भारत में होगी तो वहीं मात्र 16 प्रतिशत यात्रा तिब्बत से होकर करना होगा। राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी बीआरओ के जवान और मजदूर काम में जुटे हैं, जो बेहद प्रशंसनीय है। बता दें इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीडीएस जनरल बिपिन रावत और थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे के साथ बीआरओ के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह भी मौजूद थे।