क्रिकेट को 2028 लॉस एंजलिस खेलों में शामिल करने की कवायद चल रही है. हालांकि 2028 के खेलों के लिए क्रिकेट को प्रॉविजनल लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है.
2008 ओलिंपिक से शुरू हुई थी बातचीत
ओलिंपिक में क्रिकेट को लाने की कवायद काफी समय से चल रही है. इसके लिए आईसीसी और इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी के बड़े अधिकारियों के बीच अनाधिकारिक बातचीत भी हुई. 2008 के बीजिंग ओलिंपिक खेलों के दौरान भी इस बारे में चर्चा हुई थी. आईओसी चाहता है कि दक्षिण एशिया में ओलिंपिक का प्रसार किया जाए इसके लिए क्रिकेट बढ़िया विकल्प साबित हो सकता है. लेकिन तब बीसीसीआई और इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की तरफ से आईसीसी को समर्थन नहीं मिला था. अब बीसीसीआई और ईसीबी दोनों आईसीसी के साथ हैं. इसके बाद साल 2020 में आईसीसी ने ओलिंपिक में क्रिकेट को शामिल करने के लिए काम शुरू किया.
ओलिंपिक खेलों में क्रिकेट को शामिल करने के लिए आईसीसी जल्द ही बड़े पैमाने पर जुटने की तैयारी कर रही है. इसके तहत करीब 22.56 करोड़ रुपये क्रिकेट के पक्ष में माहौल बनाने और पीआर जैसे कामों पर खर्च किए जाएंगे. क्रिकेट को 2028 लॉस एंजलिस खेलों में शामिल करने की कवायद चल रही है. हालांकि 2028 के खेलों के लिए क्रिकेट को प्रॉविजनल लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है. यह क्रिकेट के लिए तगड़ा झटका है. हालांकि अभी तक उम्मीद खत्म नहीं हुई है क्योंकि लॉस एंजलिस ओलिंपिक खेलों में कौनसे खेल शामिल होंगे इसका फैसला 2023 में होगा.
क्रिकेटर्स की भी ली जाएगी मदद
इसके काम के लिए एक कमिटी भी बनाई गई लेकिन उसकी एक भी बैठक नहीं हो पाई. फिर आईसीसी के सीईओ मनु साहनी पर काम के दौरान डराने-धमकाने के आरोप लगे और उन्हें पदमुक्त कर दिया गया. इन सब गतिविधियों के चलते ओलिंपिक से जुड़ा काम पीछे चला गया. मगर अगस्त में ओलिंपिक से जुड़ा वर्किंग ग्रुप पहली बार बैठा. इसमें ओलिंपिक कैंपेन के लिए तीन मिलियन डॉलर यानी करीब 22 करोड़ रुपये तय किए गए. नवंबर में हुए मीटिंग में Burson Cohn & Wolfe नाम की एक फर्म को पीआर कैंपेन के लिए नियुक्त किया गया. यह फर्म इंटरनेशनल ओलिंपिक कमिटी से जुड़े लोगों से बात करने और उन्हें क्रिकेट के पक्ष में लाने पर काम करेगी. साथ ही पुराने और नए मशहूर क्रिकेटर्स को भी इस कैंपेन से जोड़ा जाएगा.
आईसीसी ने अगस्त 2021 में सबसे पहले क्रिकेट को ओलिंपिक में शामिल करने की बात कही थी. लेकिन इसके बाद आईसीसी अंदरुनी राजनीति में फंस गई और इसके चलते मामला बिगड़ गया. एक अधिकारी के हवाले से ESPNcricinfo ने लिखा है कि अब समय आगे बढ़ने का है. ज्यादा काम हुआ नहीं है. आईसीसी के अंदर ही कई अलग-अलग बातें चल रही थी. आईसीसी कई गुटबाजियों और अधिकारियों के इस्तीफों के मामलों से जूझ रही थी. इससे ओलिंपिक से जुड़े काम में ढिलाई आई.