इस दर्दनाक घटना के बाद शनिवार को गुस्साई भीड़ ने थाने का घेराव कर लिया था जहां पर आरोपियों को रखा गया था। ऐसे में भीड़ के उग्र रूप को देखते हुए थाने में ही कार्यकारी मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी किया। वहीं, एक स्थानीय बार एसोसिएशन ने इस मामले के आरोपियों को कोई कानूनी सहायता नहीं देने का संकल्प भी लिया है।
हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक से गैंगरेप और मर्डर के मामले में लापरवाही बरतने वाले 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है। जिनमें से एक सब इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल शामिल हैं। वहीं इस मामले के चारों आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों में सब इंस्पेक्टर रवि कुमार, कांस्टेबल वेणुगोपाल रेड्डी और सत्यनारायण गौड़ का नाम शामिल है। इनको लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है। शनिवार को थाने के घेराव के दौरान भीड़ ने प्रदर्शन करते हुए दोषियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। वहीं इस भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने आरोपियों को उन्हें सौंपने की मांग की है। यही नहीं जब आरोपियों को हैदराबाद स्थित एक जेल ले जाया जा रहा था तभी एक पुलिस वाहन पर पथराव भी किया गया। इसके बाद पुलिस को भीड़ को काबू करने के लिए बल का इस्तेमाल करना पड़ा।
ऐसे में पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन सुबह में शुरू हुआ और शाम तक जारी रहा। वहीं प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों को फांसी देने की भी मांग की है। विभिन्न छात्र समूहों ने भी प्रदर्शन किए।
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य श्याममला कुंदर घटना की जांच के लिये यहां आई हैं। उन्होंने जांच के बाद उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की, जो मृतका के परिवार की शिकायत पर समय पर कथित तौर पर हरकत में नहीं आए थे। उन्होंने उस पुलिसकर्मी की गलती पाई, जिसने मृतका की बहन से कहा था कि मामला उनके अधिकारक्षेत्र में नहीं आता है। मृतका की बहन ने शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस से संपर्क किया था। आयोग से मृतका के परिवार के सदस्यों ने कहा कि हैदराबाद पुलिस ने बेशकीमती वक्त बर्बाद किया, जिसका उपयोग चिकित्सक की जान बचाने में किया जा सकता था।
तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी और कई अन्य नेताओं ने मृतका के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। दोनों लोगों ने घटना की खूब आलोचना की है। हालांकि सरकार ने शीघ्र जांच और त्वरित मुकदमे के जरिये दोषियों को कठोर सजा दिलाने की बात कही है।