विपक्षी राजनीति का सेंटर बना हैदराबाद! झारखंड के विधायकों की वापसी, बिहार कांग्रेस के MLA पहुंचे

Hyderabad Becomes Center of Opposition Politics: एक ओर जहां झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की हैदराबाद से वापसी हो गई है, वहीं दूसरी ओर बिहार के कांग्रेस विधायक 12 फरवरी के विश्वास मत से पहले हैदराबाद पहुंच गए हैं. बिहार के कई कांग्रेस विधायक कथित तौर पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को ‘बधाई’ देने के लिए रविवार को यहां पहुंचे हैं. बिहार से कुल 22 लोग हैदराबाद पहुंचे है, जिसमें 16 विधायक हैं. वहीं दूसरी ओर झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक हैदराबाद से रांची पहुंच गए. ये विधायक पिछले तीन दिनों से यहां एक रिसॉर्ट में ठहरे हुए थे.

एक ओर जहां झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की हैदराबाद से वापसी हो गई है, वहीं दूसरी ओर बिहार के कांग्रेस विधायक 12 फरवरी के विश्वास मत से पहले हैदराबाद पहुंच गए हैं. बिहार के कई कांग्रेस विधायक कथित तौर पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी को ‘बधाई’ देने के लिए रविवार को यहां पहुंचे हैं. रेड्डी ने दिसंबर 2023 में हुए राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद मुख्यमंत्री का पदभार संभाला है. मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया है कि कांग्रेस ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के किसी भी कोशिश को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाया है, जिसके तहत वे यहां पहुंचे हैं.

गौरतलब है कि इससे पहले बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नवगठित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार 12 फरवरी को विश्वास मत हासिल करना चाहती है. बताया गया कि बिहार कांग्रेस के विधायकों को कागजघाट गांव में रिसॉर्ट में ले जाया गया है. बिहार से कुल 22 लोग हैदराबाद पहुंचे है, जिसमें 16 विधायक हैं. इनके लिए रिसॉर्ट में 24 कमरे बुक कराये गए हैं. वहीं तेलंगाना कांग्रेस के सूत्रों ने मीडिया को बताया कि बिहार के कांग्रेस विधायक तेलंगाना के मुख्यमंत्री को बधाई देने आए हैं. सूत्रों ने बताया कि विधायकों के 11 फरवरी तक हैदराबाद में रहने की संभावना है.

विधायकों के पाला बदलने का डर

वहीं दूसरी ओर झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक हैदराबाद से रांची पहुंच गए. सूत्रों के मुताबिक झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो की अगुवाई वाले गठबंधन के विधायक विधानसभा में विश्वास मत से एक दिन पहले रविवार को रांची के लिए रवाना हो गए. ये विधायक पिछले तीन दिनों से यहां एक रिसॉर्ट में ठहरे हुए थे. रांची से करीब 40 विधायक दो फरवरी को दो उड़ानों से हैदराबाद पहुंचे थे. झारखंड के विधायकों का हैदराबाद आना इन आशंकाओं के बीच हुआ था कि बीजेपी चंपाई सोरेन के नेतृत्व वाली नई सरकार के विश्वास मत से पहले उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त का प्रयास कर सकती है.

विधायकों की टूट को रोकना बड़ी चुनौती

कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि झारखंड के विधायकों ने हैदराबाद के शमशाबाद के आरजीआई हवाई अड्डे से रांची के लिए उड़ान भरी. पिछले तीन दिनों के दौरान विधायकों को शहर के बाहरी इलाके शमीरपेट में एक रिसॉर्ट में ठहराया गया था. झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के एक वरिष्ठ नेता ने पूर्व में कहा था कि विधायकों को कांग्रेस शासित तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में भेजने का निर्णय यह ध्यान में रखते हुए लिया गया कि विपक्षी दल भाजपा उनकी खरीद-फरोख्त करने का प्रयास कर सकती है. झारखंड के नेता ने था कि ‘हमें बहुमत साबित करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया था. हम इस समय के दौरान कोई जोखिम नहीं ले सकते क्योंकि भाजपा हमारे विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर सकती है’ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने गुरुवार को जारी एक वीडियो में 81 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 43 विधायकों का समर्थन दिखाया गया है. पार्टी के भीतर के असंतोष को दूर करने के लिए शिबू सोरेन ने विधायक लोबिन हेंब्रम से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने फ्लोर टेस्ट में पार्टी को समर्थन देने की बात कही है. लोबिन हेंब्रम ने बसंत सोरेन से भी मुलाकात की थी.

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