गर्मियां शुरू हो चुकी हैं और साथ ही हवा के थपेड़ों ने लू का रूप ले लिया है। Corona महामारी और Lockdown से घबराकर पैदल ही घर लौटने वाले लोगों और गर्मियों में बाहर जाने वालों के लिए यह लू जानलेवा भी साबित हो सकती है। गर्मियों के दिनों में कई बार लू लगने से लोगों की मौतें हो जाती हैं। लू लगते ही पैरों के तलुओं में जलन, आंखों में जलन के साथ बेहोशी की हालत बन जाती है। कई बार लू लगने वाले मरीज की दिनभर के भीतर मौत हो जाती है। ऐसी किसी थी स्थिति से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि हमें पता हो कि लू लगने से बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए…
गर्मियों में घर से बाहर निकलते वक्त सिर पर कोई गमछा या टोपी लगा लें ताकि सिर ढंका रहे। ऐसे कपड़े पहनें ताकि पूरा शरीर ढंका रहे। हल्के रंग या सफेद रंग के कपड़े पहनें। आंखों को सूर्य की रोशनी से बचाने के लिए सनग्लासेस पहनें।
खाने में कच्चा प्याज सलाद के रूप में शामिल करें। जब भी घर से बाहर निकलें तो साथ में कच्चा प्याज पॉकेट में या रुमाल में रख लें। ऐसा करने से लू नहीं लगती है। प्याज सारी गर्मी और लू को सोख लेता है।
गर्मियों के दिनों में खुद को हाइड्रेट रखें। गर्मियों में मट्ठा, फलों का जूस, आम पन्ना पिएं। साथ ही पानी पीना भी ना भूलें। घर से बाहर निकलने से पहले साथ में पानी की एक बोतल जरूर रखें।
अगर लगे कि किसी को लू लग गई है तो बिना देरी किए हुए उसे डॉक्टर को दिखाना चाहिए। डॉक्टर तत्काल कुछ ऐसा उपाय बता सकता है जिससे पीड़ित व्यक्ति की हालत संभल सकती है।
अगर लू लगने के बाद किसी को तेज बुखार आ जाता है तो उसे किसी गर्म हवा में नहीं रखना चाहिए बल्कि ठंडी हवा में ले जाना चाहिए। रोगी के सिर पर बर्फ के पानी की पट्टियां रखें।
अगर किसी को लू लग गई है तो उसे शहद में प्याज का रस मिलाकर दें। रोगी के पूरे शरीर को पानी से भीगे कपड़े या तौलिया से 6 से 7 बार पोछें। गर्म पेय पदार्थ से परहेज करना चाहिए।
लू लगने पर रोगी को मटके के पानी या सुराही में नींबू का रस डालकर उसे पिलाना चाहिए। इससे उसे राहत महसूस होगी। लू से पीड़ित व्यक्ति को ठंडा पानी नहीं पिलाना चाहिए।