हरियाणा में चुनावी बिगुल बजने के साथ ही राजनीतिक दलों में टिकटों की मारामारी तेज हो गई है। सत्तारूढ़ भाजपा में टिकट के लिए सबसे अधिक मशक्कत चल रही है। भाजपा में एक-एक सीट पर दस से बीस तक दावेदार हैं। चार दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा के पास पांच-पांच सीरियस उम्मीदवार लाइन में हैं। इन उम्मीदवारों की छंटनी किसी चुनौती से कम नहीं है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और भाजपा प्रभारी डॉ. अनिल जैन हालांकि कई बार यह संकेत दे चुके कि टिकट एक को ही मिलेगा, बाकी दावेदारों को उसका साथ देना है, लेकिन दावेदारों एक सूत्र में बांधे रखना आसान नहीं है।
उम्मीदवारों के पैनल तैयार करने के लिए अब तक आधा दर्जन बार बैठकें हो चुकी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश से लौटने के बाद 29 सितंबर को भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक हो सकती है, जिसमें हरियाणा के टिकटों का फैसला संभव है। भाजपा ने 60 सीटों पर तीन-तीन दावेदारों के पैनल तैयार किए हैं, जबकि करनाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल और टोहाना में प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के एक-एक नाम ही लिस्ट में हैं।
20 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां उम्मीदवारों के नाम को लेकर पेच फंसा हुआ है। इनमें से कुछ पर कई मजबूत उम्मीदवार हैं, जबकि कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां विरोधी राजनीतिक दलों कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवारों को देखकर भाजपा अपने उम्मीदवार फाइनल करना चाहती है। 10 विधानसभा सीटों पर पार्टी गफलत की स्थिति में हैं। इन सीटों पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने पुराने समर्पित कार्यकर्ताओं के नाम सुझाए हैं, लेकिन पार्टी की प्राथमिकता फिलहाल जीतने वाले को ही टिकट देने की है।
भाजपा में अभी तक कयास लगाए जा रहे थे कि करीब दो दर्जन विधायकों के टिकट कट सकते हैं, लेकिन अब पार्टी ज्यादा विधायकों व मंत्रियों के टिकट काटने के पक्ष में नहीं है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि किसी तरह के बगावत के हालात न पैदा हो सकें। पार्टी ने यदि जरूरी समझा तो अधिकतम आठ से दस तक विधायकों के टिकट कट सकते हैं। उनके टिकट कटने का आधार भी लोगों में अस्वीकार्यता तथा पांच साल साल का प्रदर्शन होगा।
भाजपा सूत्रों के अनुसार मनोहर कैबिनेट के एक या दो मंत्रियों को छोड़कर सभी को दोबारा चुनाव मैदान में उतारा जाएगा। किसी मंत्री के टिकट कटने के आसार नहीं नजर आते। सिरसा में यदि भाजपा ने किसी कांबोज को टिकट दिया तो राज्य मंत्री कर्ण देव कांबोज इंद्री सीट से उतारे जा सकते हैं। सोनीपत में महिला एवं बाल विकास तथा शहरी निकाय मंत्री कविता जैन के पति राजीव जैन को चुनावी रण में उतारा जा सकता है।
