Hariyali Teej 2020

जानिए हरियाली तीज की शुभ मुहूर्त एवं महत्व

श्रावण मास का ये महीना दान पुण्य के लिए काफी अहम माना जाता है। अकेले इस एक महीने में ही कई व्रत त्यौहार आते हैं। बहुत से लोग पूरा सावन व्रत रखते हैं। कुछ लोग सिर्फ पहले आखिरी दिन, कुछ हर सोमवार तो कुछ इस एक महीने के अन्य विशेष दिनों में। सावन के महीने में Hariyali Teej भी आती है। पति की उम्र लम्बी हो इस कामना के साथ सुहागने इस Hariyali Teej पर व्रत रखती हैं। इसकी महत्ता भी करवा चौथ की तरह ही है। Hariyali Teej को श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता हैं। Hariyali Teej सावन मास का सबसे महत्वपूर्ण पर्व हैं। Hariyali Teej सौंदर्य और प्रेम का पर्व हैं।

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, यह उत्सव भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं। यह पर्व प्रकृति से जुड़ने का पर्व हैं। Hariyali Teej का जब पर्व आता है तो हर तरफ हरियाली छा जाती हैं। Hariyali Teej का पर्व श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। Hariyali Teej इस बार 23 जुलाई 2020 को गुरुवार को पड़ रही हैं।


Hariyali Teej पर सुहागन स्त्रियां पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। महिलाएं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं। हाथों में मेहंदी लगाती हैं, सावन मास के गीत गाती हैं। महिलाएं हरियाली तीज को एक उत्सव के तौर पर मनाती हैं।

ऊं उमायै नम:, ऊं पार्वत्यै नम:, ऊं जगद्धात्र्यै नम:, ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊं शांतिरूपिण्यै नम:, ऊं शिवायै नम:

ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं शूलपाणये नम:, ऊं पिनाकवृषे नम:, ऊं शिवाय नम:, ऊं पशुपतये नम:, ऊं महादेवाय नम:

पूजा की विधि

Hariyali Teej की पूजा की विधि कुछ जगहों पर अलग है। कई जगहों पर महिलाएं माता पार्वती की पूजा करने के पश्चात लाल मिट्टी से नहाती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से महिलाएं पूरी तरह से शुद्ध हो जाती हैं। कुछ जगहों पर इस दिन मेले लगते हैं और मां पार्वती की सवारी बड़े धूमधाम से निकाली जाती है। सुहागिनें शाम के समय माता पार्वती से अपने सुहाग के दीर्घायु होने की कामना करती हैं। इस दिन बालू के भगवान शंकर व माता पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है और एक चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाई जाती है। माता को श्रृंगार का समाना अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती का आवाह्न करें। माता-पार्वती, शिव जी और उनके साथ गणेश जी की पूजा करें। शिव जी को वस्त्र अर्पित करें और हरियाली तीज की कथा सुनी जाती है।


शुभ मुहूर्त

इस बार Hariyali Teej 23 जुलाई को मनाई जाएगी। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त की बात करें Hariyali Teej यानी श्रावण तृतीया की तिथि 22 जुलाई को शाम 07 बजकर 23 मिनट से शुरू होगी और 23 जुलाई को शाम 05 बजकर 04 मिनट तक रहेगी. इस दौरान 23 की सुबह सुविधानुसार पूजा करना श्रेष्ठ रहेगा।

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