Gurdwara Lakhpat Sahib

गुरुद्वारा लखपत साहिब पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें

गुरुद्वारा लखपत साहिब: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गुजरात के कच्छ स्थित गुरुद्वारा लखपत साहिब (Gurudwara Lakhpat Sahib) में गुरु नानक देव जी के गुरुपर्व समारोह को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने साल 2001 में आए भूकंप का जिक्र किया और कहा कि मुझे गुरु कृपा से इस पवित्र स्थान की सेवा करने का सौभाग्य मिला था। गुजरात के सिख संगत हर साल 23 दिसंबर से 25 दिसंबर तक गुरुद्वारा लखपत साहिब (Gurudwara Lakhpat Sahib) में गुरु नानक देव जी का गुरुपर्व मनाते है। गुरु नानक देव अपनी यात्रा के दौरान लखपत गुरुद्वारा साहिब में रुके थे। गुरुद्वारा लखपत साहिब (Gurudwara Lakhpat Sahib) में उनकी कुछ वस्तुएं रखी हुई हैं, जिनमें खड़ाऊं, पालकी और पांडुलिपियां शामिल हैं।


गौरतलब है कि, इसी साल 19 नवंबर को गुरु नानक देव जी का 552 वां प्रकाश पर्व मनाया गया था। उनकी ही स्मृति में गुजरात की सिख संगत दिसंबर के महीने में लखपत गुरुद्वारा साहिब (Gurudwara Lakhpat Sahib) में गुरुपर्व मनाती है। जानकारी के मुताबिक साल 2001 के दौरान कच्छ में आए भूकंप से लखपत गुरुद्वारे को नुकसान हुआ था। तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए पीएम मोदी (PM Modi) ने मरम्मत सुनिश्चित करवाने के तत्काल आदेश दिए थे। पीएम की यह पहल सिख पंथ में उनकी गहरी आस्था को साफ दर्शाता है।
पीएम मोदी के संबोधन की कुछ बातें:

  • गुरुद्वारा लखपत साहिब (Gurudwara Lakhpat Sahib) समय की हर गति का साक्षी रहा है। आज जब मैं इस पवित्र स्थान से जुड़ रहा हूँ, तो मुझे याद आ रहा है कि अतीत में लखपत साहिब ने कैसे कैसे झंझावातों को देखा है। एक समय ये स्थान दूसरे देशों में जाने के लिए, व्यापार के लिए एक प्रमुख केंद्र होता था:पीएम
  • यहां प्राचीन लेखन शैली से यहां की दीवारों पर गुरूवाणी अंकित की गई। इस प्रोजेक्ट को तब यूनेस्को ने सम्मानित भी किया था: PM
    2001 के भूकम्प के बाद मुझे गुरु कृपा से इस पवित्र स्थान की सेवा करने का सौभाग्य मिला था। मझे याद है, तब देश के अलग-अलग हिस्सों से आए शिल्पियों ने इस स्थान के मौलिक गौरव को संरक्षित किया: पीएम
  • गुरु नानकदेव जी का संदेश पूरी दुनिया तक नई ऊर्जा के साथ पहुंचे, इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए गए। दशकों से जिस करतारपुर साहिब कॉरिडोर की प्रतीक्षा थी, 2019 में हमारी सरकार ने ही उसके निर्माण का काम पूरा किया: PM
    कुछ महीने पहले जब मैं अमेरिका गया था, तो वहां अमेरिका ने भारत को 150 से ज्यादा ऐतिहासिक वस्तुएं लौटाईं। इसमें से एक पेशकब्ज या छोटी तलवार भी है, जिस पर फारसी में गुरु हरगोबिंद जी का नाम लिखा है। यानि ये वापस लाने का सौभाग्य भी हमारी ही सरकार को मिला: पीएम
  • अभी हाल ही में हम अफगानिस्तान से स-सम्मान गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों को भारत लाने में सफल रहे हैं। गुरु कृपा का इससे बड़ा अनुभव किसी के लिए और क्या हो सकता है? – पीएम
    ये गुजरात के लिए हमेशा गौरव की बात रहा है कि खालसा पंथ की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले पंज प्यारों में से चौथे गुरसिख, भाई मोकहम सिंह जी गुजरात के ही थे। देवभूमि द्वारका में उनकी स्मृति में गुरुद्वारा बेट द्वारका भाई मोहकम सिंघ का निर्माण हुआ है: PM
  • गुरु नानक देव जी और उनके बाद हमारे अलग-अलग गुरुओं ने भारत की चेतना को तो प्रज्वलित रखा ही, भारत को भी सुरक्षित रखने का मार्ग बनाया: पीएम
    हमारे गुरुओं का योगदान केवल समाज और आध्यात्म तक ही सीमित नहीं है। बल्कि हमारा राष्ट्र, राष्ट्र का चिंतन, राष्ट्र की आस्था और अखंडता अगर आज सुरक्षित है, तो उसके भी मूल में सिख गुरुओं की महान तपस्या है: पीएम
  • जिस तरह गुरु तेगबहादुर जी मानवता के प्रति अपने विचारों के लिए सदैव अडिग रहे, वो हमें भारत की आत्मा के दर्शन कराता है। जिस तरह देश ने उन्हें ‘हिन्द की चादर’ की पदवी दी, वो हमें सिख परंपरा के प्रति हर एक भारतवासी के जुड़ाव को दिखाता है: पीएम
    औरंगज़ेब के खिलाफ गुरु तेग बहादुर का पराक्रम और उनका बलिदान हमें सिखाता है कि आतंक और मजहबी कट्टरता से देश कैसे लड़ता है। इसी तरह, दशम गुरु, गुरुगोबिन्द सिंह साहिब का जीवन भी पग-पग पर तप और बलिदान का एक जीता जागता उदाहरण है: पीएम
  • अंग्रेजों के शासन में भी हमारे सिख भाइयों बहनों ने जिस वीरता के साथ देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया, हमारा आज़ादी का संग्राम, जलियाँवाला बाग की वो धरती, आज भी उन बलिदानों की साक्षी है: पीएम
    कश्मीर से कन्याकुमारी तक, कच्छ से कोहिमा तक, पूरा देश एक साथ सपने देख रहा है, एक साथ उनकी सिद्धि के लिए प्रयास कर रहा है। आज देश का मंत्र है- एक भारत, श्रेष्ठ भारत। आज देश का लक्ष्य है- एक नए समर्थ भारत का पुनरोदय। आज देश की नीति है- हर गरीब की सेवा, हर वंचित को प्राथमिकता: पीएम
  • गुरुद्वारा लखपत साहिब (Gurudwara Lakhpat Sahib) आए श्रद्धांजलुओं से पीएम मोदी (PM Modi) ने आग्रह किया कि वो कच्छ में चल रहे रण महोत्सव में भी जाए।
  • आज आज हम सभी के श्रद्धेय अटल जी की जन्म जयंती भी है। अटल जी का कच्छ से विशेष स्नेह था। आज वो कच्छ को देखते होंगे तो जहां भी होंगे बहुत खुश होते होंगे। भूकंप के बाद यहां हुए विकास कार्यों में अटल जी और उनकी सरकार कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही थी: पीएम

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