Gujarat Election: बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है पहला चरण, जानें 2017 में किस दल का कैसा रहा परफॉर्मेंस

Gujarat Election 2022: गुजरात में विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 1 दिसंबर को होने जा रहा है. वैसे तो फर्स्ट फेज के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी के लिए ना सिर्फ ये चुनाव बल्कि पहला चरण भी बड़ा चैलेंज है. क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का गृह राज्य होने के चलते गुजरात का रण जीतना बीजेपी (BJP) के लिए नाक का सवाल है, वहीं पहले चरण की बात करें तो यहां भी बीजेपी की चुनौती कम नहीं है क्योंकि बीते चुनाव यानी 2017 में इस चरण में बीजेपी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा था.

ऐसे में बीजेपी की कोशिश होगी कि इस चरण में वापसी के साथ चुनाव जीतकर एक बार फिर गुजरात पर कब्जा जमाए वहीं अन्य दलों कांग्रेस (Congress) और आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के लिए इसी चरण में बीजेपी को और पीछे धकेलने की मंशा है ताकि उन्हें भी चुनाव में बढ़त मिले और जीत का रास्ता भी आसानी से तय कर सकें. वैसे तो आम आदमी पार्टी के लिए पहला विधानसभा चुनाव है, लेकिन इस चरण में बीते वर्ष किस पार्टी ने कैसा परफॉर्म किया इस पर एक नजर डालते हैं.

पहले चरण में 89 सीटों पर मतदान
एक दिसंबर को गुजरात के रण की पहला टेस्ट है. यानी पहले चरण की वोटिंग होना है. पहले चरण के लिए 89 सीटों को जीतने के लिए वोटर्स अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इस रण में सभी दलों के कुल 788 उम्मीदवार अपने-अपने भाग्य को आजमा रहे हैं. इस चरण में कुल 19 जिले कवर हो रहे हैं. यही वजह है कि इस चरण में बढ़त बढ़ाने वाली पार्टी के लिए जीत की राह आसान हो जाएगी. दो करोड़ से ज्यादा मतदाता इस चरण में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे.

2017 में 89 सीटों पर दलों का प्रदर्शन
बीते विधानसभा चुनाव यानी वर्ष 2017 में पहले चरण की 89 सीटों की बात की जाए तो यहां 68 फीसदी वोटिंग हुई थी. इस वोटिंग के साथ बीजेपी ने कुल 89 सीटों में से 48 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि कांग्रेस के हिस्से में 39 सीटें आई थीं. यानी बीजेपी आधे से कुछ अधिक सीटों को जीतने में कामयाब रही थी. इसके अलावा दो सीटों पर बीटीपी और एनसीपी को सफलता हाथ लगी थी.

बीजेपी के लिए चुनौती
वर्ष 2017 में बीजेपी ने कुल 89 सीटों में से 48 पर कब्जा जमाया यानी परफॉर्मेंस की बात की जाए तो ये 50 फीसदी से कुछ अधिक रहा. नतीजा इस चुनाव में बीजपी तिहाई का आंकड़ा छू नहीं पाई और कुल 99 सीटों पर ही सिमटकर रह गई. ऐसे में इस बार बीजेपी के लिए चुनौती है कि पहले चरण के बंपर सीटों पर कब्जा जमाए ताकि तिहाई के आंकड़े को तो छुए ही साथ ही जीत का रास्ता भी सुनिश्चित कर ले.

सौराष्ट्र-कच्छ में बड़ी टक्कर
पहले चरण में सौराष्ट्र और कच्छ बीजेपी की राह का बड़ा रोड़ा बन सकते हैं. यहां बीते चुनाव में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था. इन इलाकों में कुल 65 सीटें आती हैं, इनमें से 28 को कांग्रेस ने फतह किया जबकि, बीजेपी को 20 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. इस बार बीजेपी के लिए जरूरी है कि वो सौराष्ट्र और कच्छ इलाकों में बेहतर प्रदर्शन करें.

मोरबी फिर बिगाड़ सकता है खेल
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान पहले चरण यानी जिन 19 जिलों में मतदान होना है वहां बीजेपी को सात जिलों से सिर्फ निराशा हाथ लगी. खास तौर पर मोरबी इस बार भी बीजेपी का खेल बिगाड़ सकता है. दरअसल 2017 के चुनाव में 7 जिलों में भारतीय जनता पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल पाई. इन सात जिलों में मोरबी प्रमुख रूप से शामिल है. इस वर्ष मोरबी पुल हादसा किसी से छिपा नहीं 150 लोगों की मौत की वजह से गुजरात चुनाव की तारीखों की घोषणा में देरी हुई.

इन जिलों पर बीजेपी की नजर
बीजेपी के लिए जिन सात जिलों में खाता नहीं खुला उन पर इस बार नजर रहेगी. ये जिले हैं मोरबी, सोमनाथ, अरावली, नर्मदा, डांग्स, अमरेली और तापी.

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