केंद्र सरकार ने अयोध्या पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से जुड़े सभी मामलों पर गौर करने के लिए अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में एक विशेष डेस्क बनाई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एक आदेश में कहा गया है कि तीन अधिकारी अयोध्या और इससे जुड़े अदालती फैसलों पर गौर करेंगे। साथ ही कहा गया है कि ये सभी अधिकारी अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में काम करेंगे। इसस पहले उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल 30 दिसंबर को कहा था कि अब अयोध्या में जल्द ही भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा सरकार को मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ भूमि देने के निर्देश पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रस्तावित मस्जिद के लिए पांच स्थलों की पहचान कर ली है।
सूत्रों के अनुसार, प्रदेश सरकार ने चार स्थान अयोध्या-फैजाबाद मार्ग पर, अयोध्या-बस्ती मार्ग पर, अयोध्या-सुल्तानपुर मार्ग पर और अयोध्या-गोरखपुर मार्ग पर चिह्नित किए हैं और पांचवां स्थान राजमार्ग पर परिक्रमा मार्ग से दूर प्रस्तावित है। एक अधिकारी ने कहा, “प्रस्तावित स्थानों की विस्तृत जानकारी मंजूरी के लिए केंद्र के पास भेज दी गई है। हमने यह सुनिश्चित किया है कि सभी स्थान सुगम हों।”
इससे पहले 12 दिसंबर को अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी थीं। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने कहा था कि याचिकाओं में कोई मेरिट नहीं है। 9 नवंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने का कोई आधार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या जमीन विवाद मामले में 9 नवंबर को अपना फैसला सुनाया था। अदालत ने विवादित जमीन रामलला को यानी राम मंदिर बनाने के लिए देने का फैसला किया था।

