जल्द ही आपको इंपोर्टेड दही, इंपोर्टेड दूध, इंपोर्टेड पनीर और मक्खन जैसी चीज खाने को मिलेंगी, वो भी सस्ते में. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार शाम रीजनल कॉम्प्रेहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) पर बैठक की. इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह समेत वित्त मंत्री और कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए. इस बैठक में 16 देशों के साथ कारोबार के लिए करार के प्रस्ताव पर चर्चा हुई.
दरअसल, सरकार का एक बड़ा हिस्सा आपस में इस मुद्दे पर बंटा हुआ है. एक बड़ा हिस्सा ये मानता है कि हमें इस पर करार करना चाहिए. दूसरा हिस्सा ये मानता है कि हमें करार नहीं करना चाहिए. क्योंकि करार करने से घरेलू इंडस्ट्री को नुकसान होने की आशंका है.
क्या है करार?
भारत समेत 16 देश आपस में कारोबारी रिश्ते को लेकर एक करार करने वाले हैं, जिसको RCEP कहा जाता है. ये जो 16 देश हैं इसमें चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, वियतनाम, फिलीपींस और सिंगापुर जैसे देश शामिल हैं.
करार हो जाने पर उन देशों से भारत में जो सामान इंपोर्ट होता है, उस पर से इंपोर्ट ड्यूटी सरकार को 70 से 85 फीसदी कम करनी पड़ेगी. यानी उन देशों से सामान काफी सस्ते में भारत आ सकेगा. ऐसे ही भारत से सामान काफी सस्ते में उन देशों में जा सकेगा.
क्या होगा फायदा और नुकसान?
भारत सरकार को फायदा ये होगा कि एक्सपोर्ट काफी ज्यादा बढ़ेगा. नुकसान ये होगा कि जो सामान सस्ते में आएंगे, उससे घरेलू इंडस्ट्री को नुकसान होगा. यही वजह है कि खासतौर पर डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां, केमिकल बनाने वाली कंपनियां, इंजीनियरिंग प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियां, इसका काफी ज्यादा विरोध कर रही हैं और इससे घरेलू इंडस्ट्री को नुकसान होने की आशंका है.
लेकिन तात्कालिक फायदा ये मिलेगा कि आपको इंपोर्टेड दही, इंपोर्टेड दूध, इंपोर्टेड पनीर और मक्खन जैसी चीजें खाने को मिलेंगी, वो भी सस्ते में. इसके साथ ही इंजीनियरिंग प्रोडक्ट भी सस्ते में मिलेंगे.