Maa Kushmanda: चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2022) का आज चौथा दिन है। इन नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda) को समर्पित है। इस दिन मां की पूजा-अर्चना और उपासना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन साधक का मन ‘अनाहत’ चक्र में स्थित होता है। इसलिए बहुत ही पवित्र मन से कूष्माण्डा देवी के स्वरुप का ध्यान करके पूजा करनी चाहिए।
मां कूष्मांडा (Maa Kushmanda) 8 भुजाओं वाली हैं, जो कि भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होतर उनके दुखों और कष्टों का नाश करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि मां को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के दिनों में उनकी पूजा के बाद ये आरती अवश्य करें. मां प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।
मां कूष्मांडा की आरती
कूष्मांडा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली।
शाकंबरी माँ भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे ।
भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदंबे।
सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
माँ के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो माँ संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥