पश्चिम बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य (Buddhadeb Bhattacharjee) ने पद्म भूषण सम्मान (Padma Bhushan) स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. दरअसल गणतंत्र दिवस (Republic Day) की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने उन्हें यह नागरिक सम्मान देने की घोषणा की है जिसे उन्होंने ठुकरा दिया है. बुद्धदेब भट्टाचार्य भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के पूर्व सदस्य और 2002 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे हैं.
केंद्र में बीजेपी सरकार की ओर से उन्हें नागरिक सम्मान पद्म भूषण देने का ऐलान किया गया. लेकिन एक बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि, मैं पद्म भूषण सम्मान के बारे में कुछ नहीं जानता और किसी ने मुझे इस बारे में नहीं बताया है. यदि मुझे पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है तो मैं इसे अस्वीकार करता हूं.
वहीं इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि बुद्धदेव भट्टाचार्य संपर्क किया गया था. लेकिन वह बीमार थे और उनकी पत्नी को पद्म भूषण दिए जाने की सूचना दी गई. सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने भी ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी.
वहीं बुद्धदेव भट्टाचार्य द्वारा पद्म भूषण सम्मान स्वीकार नहीं करने पर राजनीतिक गलियारों में इसकी चर्चा होने लगी है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करके कहा कि, उन्होंने सही किया, वे गुलाम नबी आजाद नहीं बनना चाहते हैं.
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर भारत सरकार विभिन्न क्षेत्रों में देश का गौरव बढ़ाने वाले शख्सियतों को नागरिक सम्मान से सम्मानित करती है. इनमें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण सम्मान शामिल हैं. पूर्व सीडीएस और थल सेना अध्यक्ष रहे जनरल बिपिन रावत को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है.
इस बार जनरल बिपिन रावत समेत 4 नागरिकों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया. जबकि 17 नागरिकों को पद्म भूषण और 107 लोगों को पद्म श्री पुरस्कार दिया गया.