भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने एक बार फिर भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता जाहिर की है । राजन ने मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए कई सुझाव भी दिए हैं । उन्होंने लेबर, टेलिकॉम, भूमि अधिग्रहण और कृषि संकट जैसे मुद्दों पर अपने सुझाव दिए हैं । उन्होंने कहा देश में आर्थिक सुस्ती की वजह से मायूसी का माहौल है । सरकार अपने स्तर पर कई बड़े फैसले ले चुकी है, लेकिन अबतक उसका जमीनी स्तर पर कोई खास प्रभाव नहीं दिख रहा है । रघुराम राजन ने कहा कि बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं बनाने से अच्छा है कि ज्यादा से ज्यादा आधुनिक स्कूल और विश्वविद्यालय बनवाने चाहिए ।
रघुराम राजन ने कहा है कि हिन्दू राष्ट्रवाद न सिर्फ सामाजिक तनाव को बढ़ाता है, बल्कि ये भारत को आर्थिक विकास के रास्ते से भी डिगा देता है । रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर ने सरकार पर तंज भी किया है । आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की मानें तो भारतीय अर्थव्यवस्था में अस्वस्थता के संकेत मिल रहे हैं । देश में सत्ता का बहुत ज्यादा केंद्रीकरण हो गया है, जहां प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पास ही सारी शक्तियां हैं । उनके मंत्रियों के पास कोई अधिकार नहीं हैं । न केवल बड़े फैसले पीएमओ में लिए जाते हैं, बल्कि विचारों और योजनाओं को भी प्रधानमंत्री के आसपास मौजूद लोगों का एक छोटा सा समूह तय करता है ।

