नोबेल का प्रतिष्ठित शांति पुरस्कार इस बार इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली को मिलेगा। शुक्रवार को नोबेल फाउण्डेशन ने उनके नाम का ऐलान किया। अली को नोबेल पुरस्कार उनके देश के कट्टर शत्रु देश इरिट्रिया के साथ संघर्ष को सुलझाने में ऐतिहासिक कामयाबी के लिए दिया जाएगा। नोबेल पुरस्कार कमेटी ने अबी अहमद अली के नाम का ऐलान करते हुए बताया, नबी को शांति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करने के प्रयासों के लिए और विशेष रूप से पड़ोसी इरिट्रिया के साथ सीमा संघर्ष को सुलझाने के निर्णायक पहल के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इथियोपिया और इरीट्रिया के बीच 22 साल पुराने युद्ध के अंत में अहम भूमिका निभाने के चलते अबी अहमद अली को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
बता दें कि भारत-पाकिस्तान की तरह ही इथियोपिया और इरीट्रिया के बीच शत्रुता थी। लेकिन अबी अहमद के प्रयासों से दोनों देशों के बीच 22 साल से चल रहे युद्ध का 2018 में अंत हो गया। 2019 के नोबेल पुरस्कार के नाम के लिए स्वीडिश की 16 वर्षीय जनवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग का नाम सबसे ऊपर था।
सोशल मीडिया पर ग्रेटा के लिए कैंपेन भी चल रहा था। नोबेल शांति पुरस्कार के लिए जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल का नाम भी चल रहा था। लेकिन स्वीडिश एकेडमी ने सभी को चौकाते हुए इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद के नाम का ऐलान कर दिया। बता दें कि इथियोपिया अफ्रीका का दूसरा सबसे घनी आबादी वाला देश है। साथ ही यह पूर्वी अफ्रीका का का सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश भी है।