31 जनवरी को जम्मू के नगरोटा में हुए एनकाउंटर की जांच का जिम्मा राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए को सौंपी जा सकती है। सूत्रों की माने तो इस एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों के तार सीधा पाकिस्तान से जुड़े थे। पाकिस्तन अब घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने और वहां सक्रिय आतंकियों को मदद पहुंचने के लिए जम्मू-श्रीनगर हाईवे का सहारा ले रहा है। जिसकी जांच अब एनआईए कर सकती है।
सितंबर 2018 को जम्मू के झज्जर कोटली में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच हुए एनकाउंटर और दिसंबर 2020 में जम्मू के नगरोटा में हुए एनकाउंटर में जांच एजेंसियों को काफी समानताएं दिखी है। इन दोनों मामलों में आतंकियों ने ताजा घुसपैठ की थी और फिर एक ट्रक में विशेष कैविटी बनाकर श्रीनगर के लिए रवाना हुए थे। इन दोनों मामलों में आतंकी हथियार लेकर श्रीनगर जा रहे थे और लगातार पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के संपर्क में थे।
दोनों मामलों में आतंकियों और हथियारों को श्रीनगर पहुंचाने के लिए ट्रक का इस्तेमाल किया गया था। सूत्रों के अनुसार तो जम्मू और कश्मीर में LOC से आतंकियों को घुसपैठ करवाने में नाकाम पाकिस्तान अब नई रणनीति के तहत इन आतंकियों को जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा से घुसपैठ करा कर उन्हें ट्रकों के जरिए कश्मीर पहुंचा रहा है।
सूत्रों के अनुसार तो बीते साल कठुआ में हथियारों की बरामदगी, झज्जर कोटली मुठभेड़ और पुलवामा कांड के तार नगरोटा एनकाउंटर के साथ किसी ना किसी तरीके से जुड़े नजर आते हैं। नगरोटा में हुई मुठभेड़ से जुड़े हर पहलू का पता लगाने के लिए जानकारी में एनआईए को सौंपने पर गंभीरता से विचार हो रहा है।