भारत में COVID-19 के मरीजों की संख्या लॉकडाउन के तीसरे चरण में तेजी से बढ़ी है। बीते 36 से 46 घंटों में ही 53 हजार के करीब पहुंच गई है। ऐसे में कोविज-19 की टेस्टी की प्रक्रिया भी देश में पहले से कही ज्यादा बढ़ा दी गई है। कोरोना के मरीजों की पहचान और बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए इसकी टेस्टिंग काफी अहम मानी जा रही है। भारत के सभी हिस्सों में टेस्ट किट्स की डिलीवरी फिलहाल सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है। ऐसे में देश के सभी दूर-दराज के हिस्सों में टेस्ट किट्स समय पर पहुंचाए जा सकें इसके लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने भारतीय डाक का सहारा लिया है। इसके लिए देशभर के 1,56, 000 डाकघरों के विशाल नेटवर्क के साथ-साथ इंडिया पोस्ट की सहायता ली जा रही है। कोरोना पर विजय पाने के लिए ज्यादा से ज्यादा टेस्ट होना जरूरी है, इसके लिए आईसीएमआर ने हर दिन पूरे देश में लगभग 1 लाख टेस्ट को अंजाम देने का लक्ष्य रखा है। इंडिया पोस्ट अपने 16 क्षेत्रीय डिपो से कोविड टेस्ट किट्स की भी डिलीवरी कराएगा। इसके लिए आईसीएमआर के साथ एक समझौता हुआ है। देश में आईसीएमआर की ओर से निर्धारित 200 अतिरिक्त लैब के लिए इंडिया पोस्ट टेस्ट किट्स मुहैया कराएगा। इन सभी लैब को कोविड की टेस्टिंग करने की अनुमति दी गई है। इस काम के लिए डाक विभाग और आईसीएमआ से नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं, ताकि डिलीवरी का काम समय पर सुनिश्चित कराया जा सके। इस बात की पुष्टी संचार व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने की। साथ ही रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आईसीएमआर और डाक विभाग के बीच हुए इस समझौते का मैं स्वागत करता हूं। डाक विभाग लोगों तक पत्र, दवाएं, वित्तीय मदद जैसी सुविधाएं पहुंचाता रहा है. लॉकडाउन के बीच जरूरतमंदों को भोजन और राशन भी पहुंचाने का काम कर रहा है. ऐसी मुश्किल घड़ी में हमारे पोस्टमैन देश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।
आपको बता दें देश में कोरोना के मरीजों की संख्या दिन-दुगनी रात चौगुनी बढ़ रही है। बीते 7 मई तक देश में कुल कोरोना पॉजिटिस का आंकड़ा 53 हजार तक जा पहुंचा है। वहीं मरने वालों की संख्या भी बढ़ रही है बता दें अब तक 1783 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 15 हजार 22 सौ 66 लोग ठी हुए हैं।