विशेष महत्व होता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और बुद्धि के देवता भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से साल भर धन का प्रवाह और घर में खुशियां बनी रहती हैं। इस दिन लोग दीये, मोमबत्ती और लाइटों की झालर से घर की सजावट करते हैं। कई घरों में तो इस त्योहार की तैयारियां एक महीने पहले से ही शुरू हो जाती हैं। मान्यता है कि दिवाली से पहले घरों की साफ सफाई इसलिए की जाती है क्योंकि दिवाली (Diwali) के दिन मां लक्ष्मी घर में आती हैं और अगर घर साफ न हो तो वह रूठ जाती हैं। इस बार दिवाली 4 नवंबर को मनाई जाएगी।
इससे कुछ दिनों पहले लोग सोने चांदी के गहने, बर्तन और दिवाली (Diwali) की पूजा के लिए मिट्टी के लक्ष्मी-गणेश और प्रसाद के लिए खील और बताशे की खरीददारी करते हैं। दिवाली की पूजा कुछ सामानों के बिना अधूरी मानी जाती है। ऐसे में बेहतर है कि पूजा में इस्तेमाल होने वाले सामान की खरीददारी पहले से ही कर ली जाए ताकि आखिरी समय पर कोई भागदौड़ न करनी पड़े और आपकी पूजा अधूरी न रह जाए।
दिवाली पूजा सामग्री लिस्ट
पीतल का दिया, रुई की बत्ती, अक्षत (चावल), पानी वाला नारियल, कमल के दो फूल, गुलाल, हल्दी, मेहंदी, चूड़ी, काजल, रुई, रोली, सिंदूर, सुपारी, पान के पत्ते, पुष्पमाला, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, शुद्ध घी, दही, दूध, ऋतुफल, गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े,पेड़ा, मालपुए, इलायची (छोटी),लौंग, इत्र की शीशी, कपूर, केसर, सिंहासन , पीपल, आम और पाकर के पत्ते, औषधि जटामासी, शिलाजीत, लक्ष्मीजी की मूर्ति, गणेशजी की मूर्ति, सरस्वती का चित्र, चांदी का सिक्का, लक्ष्मी-गणेशजी को चढ़ाने के लिए लाल या पीले रंग के वस्त्र, जल कलश, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा,पंच रत्न, दीपक, दीपक के लिए तेल, पान का बीड़ा, श्रीफल,कलम, बही-खाता, स्याही की दवात, पुष्प (गुलाब और लाल कमल), हल्दी की गांठ, खड़ा धनिया, खील-बताशे, अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र, धूप बत्ती, चंदन।
आप भी जानें क्या हैं वों चींजे :-
- दीपावली पूजन में गोमती च्रक का उपयोग काफी शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस चक्र पर भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र होता है। गोमती च्रक रखने से ये सभी नकारात्मकताओं का नाश करता है। पूजन ख़त्म होने के बाद इसे तिजोरी में रखने से धन-संपदा में होगी वृद्धि होती है।
- दीपावली पूजन में पानी फल सिंघाड़ा शामिल करने से भी मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न हो जाती हैं जिसकी कृपा से लोगों को आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलती है।
- पूजन में कमल के फूल का विशेष महत्त्व होता है। मां लक्ष्मी के चरणों में कमल अर्पित करना बेहद शुभ फल दायी होता है।
- दीपावली पूजन विधि में समुद्र के जल का उपयोग कलश में करना चाहिए। पूजन के बाद इस जल के छींटे घर के सभी सदस्य के ऊपर मारना चाहिए जिससे सभी में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह हो जाए।
- पूजन में शंख को शामिल करना अत्यंत शुभफल दायी होता है। शंख ,दरिद्रता और दुख को दूर करने वाला माना जाता है । विष्णु और लक्ष्मी दोनों को शंख अतिप्रिय है।
- दीपावली की रात पूजन सामग्री में मोती जरूर रखना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी बेहद प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा से धन-धान्य में वृद्धि होती है।
दिवाली का महत्व
पुराणों के अनुसार, त्रेतायुग में जब भगवान श्रीराम रावण का वध कर वापस अयोध्या लौटे थे तब वहां के लगों ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया था। इसी स्वागत को हर वर्ष लोग दिवाली के त्योहार के रूप में मनाते हैं. दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई जाती है।साथ ही पूरे घर को दीपों से सजाकर मां लक्ष्मी के आगमन का स्वागत किया जाता है।
भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा के बाद खील और बतासे का प्रसाद बांटकर एक दूसरे को दिवाली की शुभकामनाएं दी जाती हैं। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से मां लक्ष्मी घर में वास करती हैं। इससे व्यक्ति के घर में धन की कोई कमी नहीं रहती है।