देव दिवाली (Dev Dipawali) 7 नवंबर 2022 को मनाई जाएगी. शास्त्रों के अनुसार इस दिन देवताओं के निमित्त सही तरीके से दीपदान किया जाए तो अद्भुत लाभ प्राप्त होते हैं। देव दिवाली (Dev Dipawali) पर दीपदान की यह है विधि।
देव दिवाली (Dev Dipawali) के दिन भगवान शिव के निमित्त आटे का पंचमुखी बनाएं और घी का दीया प्रज्ज्वलित कर मध्यरात्रि में नदी या तालाब में छोड़ें। मान्यता है इससे जीवन के दुख-दोषों से मुक्ति मिलती है।
देव दिवाली (Dev Dipawali) के दिन भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए सोलह बत्तियों वाला गाय के घी का दीपक जलाना लाभप्रद होता है। इससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है।
देव दिवाली (Dev Dipawali) पर एक मुखी आटे का घी का दीपक देवी दुर्गा की निमित्त प्रज्ज्वलित करें। इससे आयोग्य और लंबी आयु का वरदान मिलता है।
कार्तिक पूर्णिमा पर देवतागण दिवाली मनाने काशी में आते हैं और गंगा स्नान कर दीपदान करते हैं। ऐसे में धन में वृद्धि के लिए इस दिन 7 मुखी आटे का दीपक बनाकर दीपदान करें। इससे देवी लक्ष्मी अति प्रसन्न होंगी और साधक की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
देव दीपावली के बारे में कम ही लोग जानते हैं मगर वाराणसी में इसकी खूब धूम है। इसी दिन तो भगवान् शिव का नाम त्रिपुरारी पड़ा था। अब कैसे हुआ ये आइये आपको बताते हैं। देव दीपावली पर यूं तो कहा जाता है की देव गण धरती पर आते हैं और गंगा में स्नान करते हैं।

