दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में पिटाई के वीडियो पर सियासत शुरू हो गई है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने दिल्ली पर FIR दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि छात्रों ने कोई हिंसा नहीं की थी।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि दिल्ली पुलिस और सरकार जामिया मसले पर झूठ बोल रही है। पुलिस ने लाइब्रेरी में पढ़ने के दौरान छात्रों को पीटा है। पुलिस के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए। छात्रों ने कोई हिंसा नहीं की। वे बस जामिया मिल्लिया इस्मालिया में पढ़ रहे थे। पुलिस ने छात्रावास में घुसकर महिलाओं को भी पीटा है।
PM नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्हें वुहान में जाना चाहिए और कोरोनो वायरस को समाप्त करना चाहिए। ओवैसी ने जामिया में छात्रों की कथित पिटाई की तुलना यहूदियों की पिटाई से की है। उन्होंने कहा कि जर्मनी में हिटलर के समय में यहूदियों की पिटाई करने वाले नाजियों की तरह पुलिस ने छात्रों को पीटा।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर तेलंगाना सरकार के फैसले की तारीफ करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं तेलंगाना सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं। वे विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पारित करें। मैं केरल सरकार की तरह NRC पर भी रोक लगाने का अनुरोध करता हूं।
जामिया हिंसा के दौरान लाइब्रेरी में कथित पिटाई का 3 वीडियो सामने आया। पहले वीडियो में पुलिस का लाठीकांड कैद है तो बाकी दोनों वीडियों में छात्रों का डर और तीसरे में पुलिस पर पथराव करने की नकाबपोश साजिश का सच। पहले वीडियो को जामिया के छात्रों ने जारी किया, जबकि दूसरे और तीसरे वीडियो को दिल्ली पुलिस ने जारी किया है।