केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को भारतीय सेना के लिए 118 अर्जुन टैंक मार्क1ए वर्जन (Arjun Mark-1A) की खरीद को अंतिम रूप दे दिया है. सेना के इस मुख्य युद्धक टैंक को हंटर किलर (Hunter Killer) भी कहा जाता है. सरकार ने टैंक बनाने के लिए 7523 करोड़ रुपए का ऑर्डर हैवी व्हीकल फैक्ट्री, आवडी (चेन्नई) को दिया है.
अर्जुन टैंक का मार्क1ए वर्जन एडवांस्ड कैटेगिरी का है. आर्मी के पास अर्जुन टैंक के दो रेजिमेंट हैं और अब 118 और टैंकों की खरीद के लिए ऑर्डर दिया गया है. टैंक का मार्क 1 ए बिल्कुल नया संस्करण है जिनमें पूर्ववर्ती संसकरणों से 72 ज्यादा खूबियां हैं.
इससे पहले PM नरेंद्र मोदी ने बीते फरवरी महीने में चेन्नई में हुए एक कार्यक्रम में अर्जुन मार्क 1A को राष्ट्र को समर्पित किया था. PM मोदी ने स्वदेशी अर्जुन मेन बैटल टैंक (एमके-1ए) चेन्नई में सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे को सौंपा था.
अर्जुन मार्क 1A टैंक के नये वर्जन को और भी आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है. अर्जुन मार्क 1A में फायर पावर बढ़ाया गया है है. वहीं टैंक अपने लक्ष्य को स्वयं तलाश करने में सक्षम है.
इस टैंक की खास बात ये है कि टैंक लगातार हिलने वाले लक्ष्यों पर भी अचूक निशाना लगा सकता है वहीं लैंड माइंस को साफ करते हुए आसानी से बढ़ सकता है. इतना ही नहीं टैंक के आगे ग्रेनेड व मिसाइल हमले से बेअसर रहेगा.
अर्जुन टैंक को केमिकल अटैक से बचाने के लिए इसमें स्पेशल सेंसर लगाए गए हैं. ये टैंक भारतीय सेना के बख्तरबंद कोर में दो रेजीमेंट बनाएंगे. पश्चिमी राजस्थान में इनके कोर होने का मतलब है कि पाकिस्तान इनके निशाने से दूर नहीं होगा.
इस टैंक का निर्माण और विकास पूरी तरह से DRDO ने किया है और ये भारतीय सेना की हर जरूरतों को पूरा करने वाला है. अर्जुन टैंक को DRDO कंबैट वीकल्स रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट इस्टेबलिस्टमेंट में डिजाइन किया गया है.