चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ अगले कुछ घंटे में हो सकता खतरनाक, श्रमिक ट्रेनों के परिचालन को रोकने की मांग

Coronavirus संकट के बीच दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी में लगभग 1000 किलोमीटर की दूरी पर अगले 12 घंटे में चक्रवाती तूफान में तेजी से वृद्धि होने की संभावना है। वहीं, अगले 24 घंटे में ये एक गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, इस चक्रवात के ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट से टकराने की आशंका है। ऐसे में इन राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में मौसम का मिजाज अभी से ही बदल गया है।बता दें कि भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चक्रवाती तूफान की आशंका जताई है। IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर और दक्षिण अंडमान सागर के पास कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, इससे ओडिशा और आस-पास के इलाकों में चक्रवाती तूफान अम्फान (Amphan) की संभावना है।

चक्रवाती तूफान की गति और क्षमता को देखते हुए ओडिशा सरकार ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि तटीय जिलों तक जाने वाली श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन स्थगित कर दिया जाए। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के साथ वीडियो कांफ्रेंस के जरिये हुई बैठक में राज्य के मुख्य सचिव ए के त्रिपाठी ने यह अनुरोध किया।

विशेष राहत आयुक्त (SRC) पी के जेना ने संवाददाताओं से कहा, “हमने केंद्र से आग्रह किया है कि श्रमिक विषेष ट्रेनों के परिचालन को तीन चार दिन के लिए स्थगित कर दिया जाए क्योंकि इससे तूफान के वक्त प्रशासन और यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाए जाने पर केंद्र सरकार को धन्यवाद देते हुए जेना ने कहा कि आने वाली स्थिति से यात्रियों को लाने और कोरेंटाइन केंद्र तक ले जाने में समस्या पैदा हो सकती है।

CM नवीन पटनायक ने शनिवार को तूफान से राज्य में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं होने देने को सुनिश्चित करने का लक्ष्य निर्धारित किया। गौरतलब है कि राज्य प्रशासन एक ओर जहां COVID-19 के बढ़ते मामलों से निपटने में जुटा है, वहीं दूसरी ओर यह तूफान उनकी मुश्किलें बढ़ाने आ गया है। चूंकि तूफान के कारण दक्षिण और बंगाल की खाड़ी तथा अंडमान सागर में समुद्र की स्थिति खराब से बेहद खराब रहने वाली है, ऐसे में सरकार ने मछुआरों को चेतावनी दी है कि वह 18 मई से लेकर समुद्र में या ओडिशा के समुद्री तटों पर ना जाएं। पश्चिम बंगाल के मछुआरों को भी चेतावनी दी गई है कि वे 18 से 21 मई के बीच बंगाल की खाड़ी या पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्रों में ना जाएं। जो मछुआरे पहले से समुद्र में हैं, उन सभी को 17 मई तक लौटने को कहा गया है। पटनायक ने चक्रवात को लेकर राज्य की तैयारियों का जायजा लिया।

राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) ने आसन्न चक्रवात के लिए तैयारियों की शनिवार को समीक्षा की। इस चक्रवात के ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट से टकराने की आशंका है। समिति ने इन दो राज्यों को तत्काल मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), सशस्त्र बलों और भारतीय तटरक्षक बल को सतर्क किया गया है और राज्य सरकार के अधिकारियों से समन्वय करने को कहा गया है।

बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने रविवार सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर तूफान को लेकर ताजा बुलेटिन जारी किया है। इसके मुताबिक ये तूफान फिलहाल बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में है और ये उत्तर पश्चिम की तरफ बढ़ रहा है। हवा की रफ्तार इस वक्त 6 किलोमीटर प्रतिघंटा है। तट से इसकी दूरी का हिसाब लगाया जाय तो ये ओडिशा के पारादीप से 1100 किलोमीटर दक्षिण में है। जबकि पश्चिम बंगाल के दीघा से इसकी दूरी 1160 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की तरफ है।

मौसम कार्यालय ने बताया कि इस तूफान के प्रभाव से राज्य के तटीय जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। क्षेत्रीय मौसम विभाग के निदेशक जी के दास ने बताया कि कम दबाव का क्षेत्र रविवार की शाम तक भयंकर चक्रवात में बदल सकता है और यह 17 मई तक उत्तर-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि इसके 18 से 20 मई के दौरान उत्तर-उत्तरपूर्व की ओर बढ़ने और फिर पश्चिम बंगाल तट की ओर बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों और इसके आसपास 45 से 55 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से हवा चलने और फिर 19 मई की दोपहर से 65 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है। हवा की गति 20 मई की सुबह 75 से 85 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने की संभावना है।

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