कोरोना मरीज बेवजह करा रहे सीटी स्कैन तो सावधान! डॉ. गुलेरिया ने बताया- हो सकता है कैंसर

पूरे देश में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच लोगों में भारी टेंशन हैं। इससे घबराकर लोग तरह-तरह के उपाय करने लग जाते हैं जोकि और भी ज्यादा घातक सिद्ध हो रहा है। एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने बताया कि जो भी मरीज बार-बार सीटी स्कैन करा रहे हैं वो जान लें कि वो एक बड़ा खतरा मोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीटी स्कैन (CT Scan For Corona Patient) से कैंसर होने का खतरा हो रहा है।

डॉ. गुलेरिया ने कहा रेडिएशन के एक डेटा का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि लोग तीन-तीन दिन में सीटी स्कैन करा रहे हैं। इसके अलावा गुलेरिया ने एक और खास बात यहां बताई। उन्होंने कहा कि अगर आप पॉजिटिव हैं और आपको हल्के लक्षण हैं तो आपको सीटी स्कैन कराने की कोई जरूरत नहीं है। क्योंकि सीटी स्कैन कराने में जो रिपोर्ट सामने आती है उसमें थोड़ी बहुत चकत्ते आ जाते हैं जिसको देखकर मरीज परेशान हो जाता हैं।

डॉ. गुलेरिया के मुताबिक अगर आप कोरोना पॉजिटिव हैं मगर आपको सांस लेने में कोई परेशानी नहीं हो रही है, आपका ऑक्सिजन लेवल ठीक है और तेज बुखार नहीं आ रहा है तो बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि न ही पॉजिटिव मरीज को ज्यादा दवाएं लेनी चाहिए। ये दवाएं उल्टा असर करती हैं और मरीज की सेहत खराब होने लगती है। एम्स डायरेक्टर ने कहा कि लोग बार-बार खून की जांच करवाते हैं जबकि जब तक डॉक्टर न कहें तो खुद से ही ये सब न करें। इससे आपको और टेंशन पैदा होती है।

एम्स निदेशक ने कहा होम आइसोलेशन में रह रहे लोग अपने डॉक्टर से संपर्क करते रहें। सेचुरेशन 93 या उससे कम हो रही है, बेहोशी जैसे हालात हैं, छाती में दर्द हो रहा है तो एकदम डॉक्टर से संपर्क करें। उन्होंने आगे कहा कि आजकल बहुत ज़्यादा लोग सीटी स्कैन करा रहे हैं। जब सीटी स्कैन की जरूरत नहीं है तो उसे कराकर आप खुद को नुकसान ज़्यादा पहुंचा रहे हैं क्योंकि आप खुद को रेडिएशन के संपर्क में ला रहे हैं। इससे बाद में कैंसर होने की संभावना बढ़ सकती है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस गृह मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी ने कहा कि देश में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध है। एक अगस्त 2020 को ऑक्सीजन का उत्पादन देश में 5,700 मीट्रिक टन था, जो अब लगभग 9,000 मीट्रिक टन हो गया है। हम विदेशों से भी ऑक्सीजन का आयात कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में 12 राज्य ऐसे हैं जहां 1 लाख से भी ज्यादा सक्रिय मामले हैं। 7 राज्यों में 50,000 से 1 लाख के बीच सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई है। 17 राज्य ऐसे हैं जहां 50,000 से भी कम सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई है।

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