कोरोना महामारी को देखते हुए जारी किए गए लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के मामले में आज फैसला आ जाएगा। बता दें आज सुप्रीम कोर्ट उद्योगों की उस याचिका पर फैसला देगा जिसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय के 29 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि एम्पलायर को लॉकडाउन के दौरान का पूरा वेतन कर्मचारियों को देना होगा। इस मामले पर बीते 4 जून को सुनवाई पूरी कर ली गई थी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि मजदूरों को पूरा वेतन देने का आदेश जारी करना जरूरी था। क्योंकि मजदूर आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं। ऐसे में जब सभी औद्योगिक गतिविधियां बंद है तो उन्हें आर्थिक तंगी का समाना करना पड़ सकता है। इसलिए पूरा वेतन देने की आदेश केंद्र की ओर से दिया गया था। इसके मुताबिक 29 मार्च से 17 मई के बीच के 54 दिनों का पूरा वेतन देने मजदूरों को देना अनिवार्य है, लेकिन उद्योग सरकार की इस दलील से संतुष्ट नहीं थे, और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दाखिल की थी।
4 जून को करीब डेढ़ घंटे तक सभी पक्षों को विस्तार से सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था। अब आज कोर्ट के आदेश से यह तय होगा कि मजदूरों को 54 दिन की अवधि का पूरा वेतन मिलेगा या नहीं। बता दें पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने सरकार के अधिकार पर भी सवाल उठाए थे। कोर्ट का कहना था कि इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट के तहत विवाद की स्थिति में उद्योगों को कर्मचारियों को 50 फीसदी वेतन देने के लिए कहा जा सकता है। लेकिन सरकार ने 100 फीसदी वेतन देने को कह दिया है।