कोरोना संकट के बाद जिस तरह से देश में समय पर देशव्यापी लॉकडाउन का फैसला लिया उससे ये साफ है कि अन्य देशों की तुलना में अभी भी कोरोना के बढ़ने की रफ्तार काफी हद तक कम है। सरकार ने दावा किया है कि लॉकडाउन के दौरान देश में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने में काफ़ी क़ामयाबी मिली है। इतना ही नहीं सरकार ने ये भी दावा किया है कि संक्रमण के दोगुने होने की रफ़्तार में भी कमी आई है। उधर सरकार के सूत्रों के मुताबिक़ रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट को लेकर अगले 2-3 दिनों में आईसीएमआर नई गाइडलाइन्स जारी कर सकती है। आपको बता दें देश में लॉक डाउन शुरू हुए एक महीने से भी ज्यादा हो गए हैं। साथ ही देश में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा 21 हज़ार को पार कर गया है। वहीं सरकार का दावा है कि अगर लॉकडाउन नहीं होता तो ये आंकड़ा दोगुना से भी ज्यादा हो सकता था।
सरकारी आंकड़ों की माने तो देश में 22 अप्रैल तक 5 लाख से ज़्यादा RT PCR टेस्ट हो चुके हैं, जबकि संक्रमण का आंकड़ा करीब 21700 है। लॉकडाउन की शुरुआत में 24 मार्च को क़रीब 15000 टेस्ट किए गए थे। उस वक्त संक्रमित लोगों की संख्या करीब 600 थी जो कुल टेस्ट का करीब 4.5% थी। वहीं 22 अप्रैल तक हुए 5 लाख टेस्ट में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 21700 है और ये भी कुल टेस्ट का क़रीब 4.5 % ही है। इस महामरी से निपटने के लिए सरकार की तैयारी भी पूरी है इस मामले पर प्रशासन की ओर से कहा गया कि 23 मार्च को 163 कोविड के विशेष अस्पतालों में 41974 बेड थे जबकि 23 अप्रैल तक अस्पतालों की संख्या 736 अस्पतालों में 1,94,26 बेड उपलब्ध हैं। इन अस्पतालों में 24644 आईसीयू बेड हैं जिनमें 12391 वेंटिलेटर भी उपलब्ध हैं। वहीं देशभर में अब 325 जांच केंद्र हैं।
आपको बता दें इस वक्त देश में कोरोना के कुल सक्रिय केस 21 हजार 700 है। वहीं 4 हजार 3 सौ 24 लोग ठीक हो चुके हैं और अबतक 686 लोग कोरोना की वजह से अपनी जान गवा चुके हैं।