अमेरिका ने जेनिफर हॉलर पर किया वैक्सीन का पहला परीक्षण

Coronavirus के लिए तैयार की जा रही Vaccine का पहला परीक्षण वॉशिंगटन के सिएटल शहर में रहने वाली एक स्थानीय महिला 43 साल की जेनिफर हॉलर पर किया है।
किसी भी Vaccine को टेस्ट करने के लिए जानवरों का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि इसके साइड इफेक्ट से जान भी चली जाती है। लेकिन अमेरिका की जेनिफर हॉलर ने बिना इसकी परवाह किए खुद पर परिक्षण करवाया है।

जेनिफ़र और उनके साथ 44 लोग वालंटियर्ली यानि स्वेच्छा से सामने आए ताकि मानव जाति पर आए इस संकट से उन्हें बचाया जा सके। जेनिफर के दो बच्चे हैं, इस पूरी प्रक्रिया में Vaccine के असफल होने की स्थिति में उनकी जान को ख़तरा हो सकता है।

दुनिया में बहुत कुछ बहुत बुरा हो रहा है तो बहुत कुछ बहुत अच्छा भी हो रहा है। यही अच्छे लोग और उनके अच्छे प्रयासों के चलते ये दुनिया आज भी ख़ूबसूरत है। तभी हम सभी लाख दिक्कतों के बाद भी इस दुनिया में रहना चाहते हैं।

अमेरिका में के. के. पी वॉशिंगटन रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बेहद सावधानी के साथ चार ऐसे मजबूत इच्छाशक्ति वाले सेहतमंद लोगों को इस परीक्षण के लिए चुना है। इस अध्ययन और प्रयोग की टीम लीडर डॉ. लीजा जैक्सन हैं। लीजा मानती हैं कि Vaccine के पहले चरण में परीक्षण के लिए तैयार इन चार लोगों के साथ अब हम टीम कोरोना वायरस हो गए हैं। ऐसे मौके पर हर कोई यही चाहता है कि इस आपात स्थिति से निपटने के लिए वह क्या और कैसे करें। जेनिफर सीटेल में ही एक टेक कंपनी में ऑपरेशन मैनेजर हैं।

इनके अलावा 3 और लोगों को इस परीक्षण का इंजेक्शन लगाया जाना है। इसके अलावा 45 अन्य लोगों को भी इसका हिस्सा बनाया जाएगा और इन्हें एक महीने के बाद दो और डोज दिए जाएंगे।

ब्रॉथल के रहने वाले 46 साल के ही नील ब्राउनिंग भी एक माइक्रोसॉफ्ट नेटवर्क इंजीनियर हैं जो इस परीक्षण टीम के सदस्य हैं। उनका कहना है कि उनकी बेटियां इस तरह के सामाजिक काम के लिए उन्हें बेहद प्रोत्साहित करती हैं और गर्व महसूस करती हैं। उनकी बेटियां मानती हैं कि ये दुनिया के उन तमाम लोगों को बचाने के लिए बेहद जरूरी है कि कोई न कोई तो यह जोखिम उठाए।

यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के डॉ एंथनी फॉसी का कहना है कि अगर यह परीक्षण कामयाब रहा तो अगले 12 से 18 महीनों के बाद ही यह Vaccine दुनिया भर में इस्तेमाल की जा सकेगी। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस परीक्षण से उम्मीद जताते हुए दावा किया है कि जुलाई तक अमेरिका Corona से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने यह श्रेय लेने की भी कोशिश की अमेरिका में ही इस खतरनाक वायरस का पहला Vaccine इतने कम वक्त में बन कर तैयार होने की उम्मीद है। चीनी वैज्ञानिकों ने 65 दिन पहले इसके बारे में जानकारियां दी थीं और यह Vaccine परीक्षण के लिए इतनी जल्दी तैयार कर लिया गया। इसे मॉडर्ना इंक नाम की कंपनी विकसित कर रही है।

इस समय दुनिया के तमाम देशों में Corona की Vaccine पर काम हो रहा है। दर्जनों रिसर्च संस्थान इसपर काम कर रहे हैं। अमेरिका, चीन और दक्षिण कोरिया में भी अगले महीने तक ऐसे ही Vaccine पर काम होने की संभावना है जिसे इनोवियो फार्मास्युटिकल्स बना रही है। सिएटल में हुए इस परीक्षण की तैयारी उस दिन के बाद से ही तेजी के साथ शुरू हो गई थी जिस दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को एक महामारी घोषित किया था।

इस परीक्षण के लिए 18 से 55 साल के बीच के ऐसे लोगों को चुना जा रहा है जो भीतर से मजबूत हों और जो Vaccine के कड़े डोज को भी बर्दाश्त कर सकें। इस परीक्षण के लिए चुने गए लोगों को प्रयोग के लिए जितनी बार क्लीनिक बुलाया जाएगा, इसके लिए उन्हें 100 डॉलर भी दिए जाएंगे।

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