देश में कोरोना (Coronavirus) के मामलों में कमी लगातार जारी है. रिकवरी रेट बढ़ रहा है और पॉजिटिविटी रेट (Positivity rate) में कमी हो रही है. कोरोना से बेहतर होते हालातों के बीच लोगों को लग रहा है कि कोरोना महामारी हमेशा के लिए खत्म हो गई है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह नहीं समझना चाहिए कि कोरोना अब हमेशा के लिए खत्म हो गया है. क्योंकि यह वायरस अभी भी हमारे बीच मौजूद है. दुनिया में कभी भी इस वायरस का नया वैरिएंट आ सकता है. ऐसे में फिलहाल कोरोना को लेकर लापरवाही बरतना ठीक नहीं है.
कोविड एक्सपर्ट डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि कोरोना का वायरस खुद में लगातार बदलाव करता रहता है. म्यूटेशन की वजह से यह वायरस किसी नए वैरिएंट (Corona Variant) में बदल सकता है. अगर यह वैरिएंट तेजी से फैलता है और वैक्सीन या नेचुरल इम्यूनिटी को बाइपास करता है तो कोरोना के केस बढ़ सकते हैं. हालांकि अभी किसी नई लहर के आने की आशंका काफी कम है, क्योंकि ओमिक्रॉन वैरिएंट से आबादी का एक बड़ा हिस्सा संक्रमित हो चुका है. लोगों में संक्रमण के खिलाफ इम्यूनिटी है. ऐसे में जब तक कोई खतरनाक वैरिएंट नहीं आता. तब तक अगली लहर नहींं आएगी. लेकिन इससे लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि कोरोना अब हमेशा के लिए खत्म हो गया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव कुमार अग्रवाल का कहना है कि दुनिया में एक सप्ताह से रोजाना औसतन 15 लाख से ज्यादा केस आ रहे हैं. लोगों को यह समझना चाहिए कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. ऐसे में लोगों का सावधानी बरतना बहुत जरूरी है
भारत में सुधर रहे हैं हालात
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोरोना के मामलों में 55.7 प्रतिशत की कमी आई है. मृत्युदर दर में भी 76.6 फीसदी की कमी आई है. भारत में वैक्सीनेशन (Vaccination) होने से काफी फायदा हुआ है. दूसरी लहर में जहां एक दिन में चार लाख से ज्यादा मामले आए थे वहीं तीसरी लहर का पीक चार लाख से नीचे ही रहा था. तीसरी लहर में मौत के मामले और दैनिक केस भी दूसरी लहर की तुलना में काफी कम रहे थे. कोरोना की दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर का पीक जल्द आया था.