देश में लगातार कोरोना का खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में सामने आएं आंकड़ों के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस(CORONAVIRUS) के मामले 30 हजार तक पहुंच गए हैं। राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने तो साफ तौर पर कह दिया है कि यहां कम्यूनिटी स्प्रेड (corona community transmission in delhi) की शुरुआत हो चुकी है। हालांकि, उनका कहना है इसे तब ही माना जाएगा जब केंद्र सरकार इसे घोषित करेगी।
सत्येंद्र जैन का यह बयान उपराज्यपाल की बैठक से ठीक पहले आया है। इस बैठक में सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया भी शामिल हैं। इस बैठक में दिल्ली में कोरोना की स्थिति पर चर्चा होनी है, मनीष सिसोदिया ने कहा था कि आंकड़ों की स्टडी के बाद तय किया जाएगा कि कम्यूनिटी स्प्रेड है या नहीं। दूसरी तरफ मीडिया से बात करते वक्त सत्येंद्र जैन ने इसकी तरफ साफ इशारा कर दिया। जैन ने कहा, ‘एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि कम्यूनिटी स्प्रेड है। बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका सोर्स नहीं पता। अब केंद्र सरकार मानेगी तब ही होगा। दिल्ली में ऐसे कई केस हैं, लगभग आधे केस ऐसे हैं जिनका सोर्स नहीं पता।’
सत्येंद्र जैन ने कहा कि कल रात से बहुत सारे फोन हमें आ रहे हैं और वह लोग पूछ रहे हैं कि दिल्ली वालों का इलाज कहां पर होगा। पूरे देश में दुनिया भर से जो फ्लाइट आई थी दिल्ली और मुंबई दो जगह आई थी और यह बीमारी हिंदुस्तान में नहीं थी हिंदुस्तान में बाहर से आई थी। जब फ्लाइट आईं तो उसके बाद आज मुंबई में 50000 मामले हैं और दिल्ली में लगभग 30000 मामले हैं।
सत्येंद्र जैन बोले कि दिल्ली में इलाज की जिम्मेदारी हमारी है। हम लोग मुंबई से 10 दिन पीछे हैं और उसी अनुपात में दिल्ली में संख्या बढ़ रही है। ऐसी आशंका है कि दिल्ली में हम अगले 10 दिन में 50000 पर पहुंच जाएंगे। इसलिए हमें एक्स्ट्रा बेड चाहिए। Delhi Health Minister Satyendar Jain said – Corona community transmission started in delhi, central government should declare it
कम्युनिटी ट्रांसमिशन कोरोना वायरस की थर्ड स्टेज होती है। यह स्टेज तब आती है जब किसी एक बड़े इलाके के लोग वायरस से संक्रमित पाए जाते हैं। वहां की स्थितियां कोरोना से बीमार लोगों की संख्या के खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन में कोई ऐसा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है जो न तो कोरोना वायरस से प्रभावित देश से लौटा है और न ही वह किसी दूसरे कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो। कई देशों में तो अध्ययन में ये भी बताया गया कि कम्युनिटी स्प्रेड होने पर इससे बचाव काफी मुश्किल हो जाता है। इस स्टेज में यह पता नहीं चलता कि कोई व्यक्ति कहां से संक्रमित हो रहा है।
बता दें कि मार्च तक देश में कोरोना वायरस दूसरे चरण यानी लोकल ट्रांसमिशन के स्टेज तक था। लोकल ट्रांसमिशन उसे माना जाता था जब कोई मरीज विदेश से लौटे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरे संक्रमित के जरिये बीमार होता है। इसका मतलब ये है कि लोकल ट्रांसमिशन में यह पता होता है कि वायरस कहां से फैल रहा है।
इसका फायदा ये होता है कि इससे मरीज किस स्रोत के संपर्क में आया उससे जुड़े लोगों की पहचान आसान होती है। इससे भी पहले होती है पहली स्टेज, जिसमें कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित देशों से आने वाले लोगों में संक्रमण पाया गया। लेकिन सबसे खतरनाक होती है चौथी स्टेज, चीन में यह अपनी चौथी स्टेज में था। ऐसी स्थिति में इसका हल खोज पाना कठिन होता है।