देश में कोरोना संक्रमण के मामले छह महीने में पहली बार घटकर तीन लाख से कम हो गये हैं, लेकिन तीसरी लहर का खतरा अब भी बरकरार है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर संयम नहीं बरता, तो तीसरी लहर में कोरोना का सबसे खतरनाक वैरिएंट R.1 COVID कहर बरपा सकता है. दुनिया भर में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं. भारत भी इससे अछूता नहीं रहेगा.
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कहा है कि अप्रैल 2021 से ही अमेरिका में R.1 म्यूमेंट मौजूद है. केंटकी नर्सिंग होम में जहां अधिकतर मरीजों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है, उनमें भी R.1 COVID का संक्रमण पाया गया है. कोरोना का यह नया वैरिएंट पिछले साल सबसे पहले जापान में मिला था. धीरे-धीरे अब दुनिया के 35 देशों में फैल चुका है.
अमेरिका समेत इन 35 देशों में अब तक 10 हजार से अधिक लोगों में इस वैरिएंट से संक्रमित लोगों का पता चल चुका है. सीडीसी के अध्ययन में पाया गया है कि वैक्सीन ले चुके 87 फीसदी लोगों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है. उनमें कोरोना संक्रमण का खतरा उन लोगों की तुलना में बहुत कम है, जिन्होंने अब तक वैक्सीन नहीं ली है. R.1 वैरिएंट के लगातार बढ़ रहे मामलों के बावजूद सीडीसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया है.
अब तक हुए शोध के आधार पर कहा जा रहा है कि अगर आपने वैक्सीन ले ली है, तो कोरोना के R.1 वैरिएंट से लड़ने के लायक प्रतिरोधक क्षमता आपके शरीर में बन चुकी होती है. बता दें कि कोरोना के सबसे खतरनाक इस वैरिएंट का लक्षण भी सामान्य कोरोना संक्रमण के जैसा ही है.
भारत में कोरोना संक्रमण के मामले घटकर 2,99,620 रह गये हैं. मई में यह आंकड़ा 37.45 लाख तक पहुंच गया था. चिंता की बात यह है कि केरल में कोरोना के मामले उतनी तेजी से नहीं घट रहे, जितनी तेजी से देश के अन्य राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में. कुल 2.94 लाख में से 1,63,855 लाख कोरोना के मामले सिर्फ केरल में है, जो कुल मामलों का 55 फीसदी है. केरल के बाद महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 41,428 एक्टिव केस हैं.
झारखंड और बिहार के साथ-साथ राजस्थान एवं तीन केंद्रशासित प्रदेशों ने कोरोना को नियंत्रित कर लिया है. यहां कोरोना के 100 से कम एक्टिव केस रह गये हैं. वैश्विक महामारी पर नियंत्रण करने वाले तीन केंद्रशासित प्रदेशों के नाम अंडमान एवं निकोबार द्वीप, दमन एवं दीव और चंडीगढ़ हैं.
20 से अधिक ऐसे राज्य हैं, जहां हर दिन 100 से भी कम कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. इनमें से 10 ऐसे राज्य हैं, जहां 10 या उससे कम संक्रमण के मामले आ रहे हैं. भारत में जब कोरोना की दूसरी लहर अपने शबाब पर थी, तब भी देश के कुल मामलों का आधा सिर्फ महाराष्ट्र एवं केरल में था. अब केरल ने सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है.
देश के 20 राज्यों में कोरोना के मामले बहुत कम हो गये हैं, लेकिन महज 12 लाख की आबादी वाले मिजोरम में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले एक सप्ताह से पूर्वोत्तर के इस राज्य में औसतन हर दिन 1,500 मामले सामने आ रहे हैं. यहां कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 15,485 है, जो केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद चौथा सबसे ज्यादा है. तमिलनाडु में 17,285 संक्रमितों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है.