सितंबर का महीना आधा बीत चुका है, बारिश भी हो रही है लेकिन उमस का सितम अभी भी लोगों को परेशान कर रहा है। लोगों को अब तक भीषण उमस से राहत नहीं मिली है। खास तौर पर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में लोगों को जुलाई जैसी उमस का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून अभी खत्म होने वाला नहीं है। साथ ही मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि इस हफ्ते उत्तर भारत में लोगों को और ज्यादा उमस झेलनी पड़ सकती है।
सामान्य से चार फीसद ज्यादा हुई बारिश
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि देश में अब तक सामान्य से चार प्रतिशत ज्यादा बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार सामान्य तौर पर एक सितंबर तक पश्चिमी राजस्थान से मानसून अलविदा कह देता है। 15 सितंबर तक राजस्थान के ज्यादातर हिस्सों से मानसून की विदाई हो चुकी होती है। 15 सितंबर तक मानसून, कच्छ गुजरात और पंजाब के भी ज्यादातर हिस्सों को अलविदा कह देता है। इस बार पश्चिमी राजस्थान में भी अब तक मानसून टिका हुआ है।
सितंबर में इतनी उमस सामान्य बात नहीं
राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश में फिलहाल एक लो प्रेशर का क्षेत्र बना हुआ है। इसकी वजह से वहां भारी बारिश होने की संभावना बनी हुई है। मौसम का वर्तमान मिजाज पूर्वी क्षेत्र से नमी को आकर्षित करने वाला है। इसकी वजह से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के कई हिस्सों में भीषण उमस (high levels of humidity) दर्ज की गई है, जो सितंबर के लिहाज से सामान्य बात नहीं है। तापमान के साथ कम दबाव क्षेत्र के कारण वातावरण में नमी उच्चतम स्तर पर है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार आने वाले समय में उमस में और इजाफा हो सकता है।
अगले पांच दिन निम्न दबाव क्षेत्र का होगा असर
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा (Mritunjay Mohapatra) के अनुसार सोमवार से निम्न दबाव क्षेत्र में बदलाव होगा और इसका असर अगले पांच दिनों तक देखा जा सकता है। इस दौरान काफी बारिश होने की संभावना है। इसके बाद ही मानसून की वापसी की प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद की जा सकती है। इस माह के अंत तक मानसून पूरी तरह से अलविदा कह सकता है।
देश में कहां कितनी हुई बारिश
मौसम विभाग के अनुसार पूरे देश में अब तक सामान्य से चार फीसद ज्यादा बारिश हो चुकी है। सबसे ज्यादा बारिश मध्य भारत में रिकॉर्ड की गई है। मध्य भारत में सामान्य से 23 फीसद ज्यादा बारिश हुई है। इसके बाद दक्षिण भारत में सामान्य से 10 फीसद ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके विपरीत उत्तर-पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी भारत में क्रमशः जीरो से 18 व 8 फीसद कम बारिश रिकॉर्ड की गई है।
नौ उपकेंद्रों पर सामान्य से कम हुई बारिश
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 36 मौसम उपकेंद्रों में से तीन-चौथाई से अधिक में सामान्य या सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। 16 उपकेंद्रों में सामान्य बारिश रिकॉर्ड की गई है, जबकि 11 उपकेंद्रों में सामान्य से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड हुई है। वहीं नौ उपकेंद्रों में सामान्य से कम बारिश हुई है।