यूपी पॉवर कारपोरेशन में बिजली कर्मचारियों की भविष्य निधि में 2268 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आने के बाद कांग्रेस ने योगी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि 45 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के जीवन भर की कमाई योगी आदित्यनाथ की सरकार के कारण डूब गयी है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस मामले में प्रियंका गांधी के ट्वीट के बाद सरकार ने कुछ निचले स्तर के अधिकारियों के खिलाफ ही कार्रवाई की। 10 जुलाई को गुमनाम शिकायत के बाद 28 अगस्त 2019 को ही घोटाले की पुष्टि हो गयी थी। लेकिन इसके बाद भी सरकार इतने बड़े घोटाले को छुपाए रही। अजय कुमार लल्लू ने कहा, बिना सरकार के संरक्षण के इतना बड़ा घोटाला नहीं हो सकता।
चूंकि भाजपा सरकार की डीएचएफएल कंपनी से मिलीभगत रही इसलिए कंपनी पर कार्यवाही करने के बजाय खुद को बचाने में लगी रही। डीएचएफएल कम्पनी में पाॅवर कार्पोरेशन के कर्मचारियों के 99 प्रतिशत फण्ड को निर्धारित नियमों के विरूद्ध जाकर तीन प्राइवेट कम्पनियों में निवेशित किया गया जिसमें से अकेले 65 प्रतिशत डीएचएफएल को दिया गया। इसमें से 1,854 करोड़ रूपये एक एफडी के माध्यम से एक साल के लिए और 2,268 करोड़ की दूसरी एफडी तीन साल के लिए दी गयी। पहली एफडी दिसम्बर 2018 को मेच्योर होने के बाद वापस आ गयी।
लेकिन 2,268 करोड़ रुपए की दूसरी एफडी डूब गयी। कांग्रेस ने कहा कि इस मामले की जिम्मेदारी खुद ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को लेनी चाहिए।
डीएचएफएल एक डिफाल्टर कम्पनी है यह कम्पनी न तो सेबी में रजिस्टर्ड है न सुरक्षित(अन सेक्योर्ड) है। तमाम निवेशकों ने पहले से इस पर एफआईआर दर्ज कराई है। इसके बावजूद भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस कम्पनी में कर्मचारियेां के भविष्य निधि का निवेश जारी रखा। कर्मचारियों का पैसा तब तक इस कम्पनी में निवेश किया जाता रहा, जब तक इस कम्पनी ने स्वयं पैसा लेना बन्द नहीं किया। आखिर पावर कार्पोरेशन के कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई पर डाका क्यों? डीएचएफएल के मालिक वाधवान ने व्यक्तिगत तौर पर भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा चंदा लगभग बीस करोड़ रूपये दिये। आखिर वाधवान एवं भाजपा के बीच क्या सम्बन्ध है, भाजपा इसका खुलासा करे?
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की कि शक्ति भवन में 15वीं मंजिल पर ऊर्जा मंत्री का कार्यालय, मंत्री आवास सहित उनके मथुरा के आवास राधा वैली के विजिटर बुक को जनता के सामने लाया जाए, ताकि पता चले कि कौन-कौन से लोग इस भ्रष्टाचार में जुड़े हैं। अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित करते हुए कहा, सिर्फ पूर्ववर्ती सरकार पर जिम्मेदारी डालने से काम नहीं चलेगा। जब 21 महीने में हर काम की जांच हुई तो आखिर इसे क्यों छोड़ा गया? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उप्र कांग्रेस पीड़ित तमाम कर्मचारी संगठनों के साथ पूरी दृढ़ता से खड़ी है।
सरकार कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई के निवेश की जानकारी के बारे में श्वेत पत्र जारी करे। कर्मचारियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा के विजिटर बुक की जांच कराई जाए। साथ ही उनसे मुलाकात करने वाले उच्च स्तर पर घोटाले से जुड़े हुए लोगों का श्रीकान्त शर्मा के साथ सम्बन्ध का पर्दाफाश किया जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार पर सदन से लेकर हर जगह जीरो टॉलरेन्स की बात करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्या ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा, तत्कालीन चेयरमैन तथा एमडी को बर्खास्त कर उनके खिलाफ उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी आपराधिक जिम्मेदारी सुनिश्चित करेंगे। कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई को दोषी व्यक्तियों से वापस कराने की जिम्मेदारी सरकार को सुनिश्चित करनी होगी। ऐसा न होने पर कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक कर्मचारियों की लड़ाई लड़ेगी।