बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर अभी असमंजस का माहौल बरकरार है। JDU पूरी तरह तैयार है। BJP ने चुनाव आयोग पर छोड़ दिया है। RJD ने सख्त विरोध किया है। LJP भी पक्ष में नहीं है। ऐसे में चिराग पासवान के रुख से विपक्ष का हौसला बढ़ा है। पप्पू यादव ने चुनाव रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रखी है। कई तरह की बातें हो रही हैं, किंतु इन सबके बीच चुनाव आयोग ने अपनी तैयारी की रफ्तार बढ़ा दी है।
अब बड़ा सवाल उठता है कि कोई दल चुनाव के लिए तैयार है तो क्यों और कोई टालना चाहता है तो क्यों? प्रत्यक्ष तौर पर विपक्ष की ओर से कोरोना बताया जा रहा है, लेकिन परोक्ष तौर पर लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से लाखों की संख्या में लौटे कामगारों और बेहाल लोगों पर सरकार की रहमत से बने सकारात्मक माहौल का डर सता रहा है। केंद्र सरकार की मुफ्त अनाज योजना और राज्य सरकार की ओर से कामगारों को एक-एक हजार रुपये की मदद एवं वृद्धजन पेंशन की अग्रिम राशि के असर को लेकर विपक्ष अभी से आशंकित है।
बहरहाल, 5 साल पहले 2015 में निर्वाचन आयोग ने 9 सितंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी थी। इस लिहाज से राजनीतिक दलों के पास अब गठबंधन, तालमेल, सीट बंटवारे और प्रचार की तैयारियों के लिए समय काफी कम बचा है। पिछली बार अबतक दोनों तरफ के गठबंधनों की तस्वीर साफ हो गई थी। NDA और महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीट बंटवारे का फार्मूला लगभग तय हो चुका था। यहां तक कि PM नरेंद्र मोदी समेत कई प्रमुख नेताओं की जनसभाओं की तिथियां भी तय हो गई थीं। अबकी अबतक सारी गतिविधियां ठहरी हुई दिख रही हैं।
सियासी किचकिच का असर चुनाव आयोग पर तनिक भी नहीं है। वह अपने धुन में तैयारियों को अंजाम दे रहा है। सभी दलों से परामर्श कर लिया है। कोरोना के खतरे को देखते हुए सुरक्षित मतदान के लिए बूथों की संख्या को 73 हजार से बढ़ाकर एक लाख छह हजार कर दिया है। विभिन्न राज्यों से पर्याप्त संख्या में EVM मंगा ली है। 65 साल से ज्यादा उम्र वाले वोटरों को बैलेट पेपर से मतदान की सुविधा दे दी गई है।
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना तो बहाना है। RJD को हार दिखाई दे रही है। इसलिए पीछा छुड़ाना चाहता है। चुनाव कब होगा, नहीं होगा, यह हमलोग तय नहीं कर सकते हैं। हालांकि हम चाहते हैं कि चुनाव समय पर हो।
JDU के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा कि जिन्हें दिन में तारे नजर आ रहे, वही चुनाव टालने की बात कर रहे हैं। लोकतंत्र में चुनाव अनिवार्य होता है। मतदान के अधिकार से किसी को वंचित नहीं किया जा सकता।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि आखिर सरकार को चुनाव कराने की इतनी बेताबी क्यों है? जाहिर है, JDU को सत्ता चाहिए। उसे कुर्सी प्यारी है। नीतीश कुमार को डर लग रहा है कि देर होगी तो राष्ट्रपति शासन लग जाएगा। फिर उन्हें सत्ता से बाहर रहकर चुनाव का सामना करना पड़ेगा।
बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा, आप 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डाक से वोट देने की बात करते हैं। किंतु कोई गुंडा उनपर अपनी पसंद थोपेगा तो हम ऐसा चुनाव नहीं चाहते हैं।
