सुप्रीम कोर्ट से राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी 23 नवंबर को अयोध्या जाएंगे। इसके तुरंत बाद वरिष्ठ बीजेपी नेता का वाराणसी जाने का कार्यक्रम है। स्वामी आयोध्या में राम जन्मभूमि और वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर का स्थलीय निरीक्षण व दर्शन करेंगे। राम मंदिर के लिए अभियान चलाने वाले बीजेपी नेता ने ऐलान किया है कि वह वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के आस-पास जांच भी करेंगे। अयोध्या में राम मंदिर बनाने के समर्थन में अभियान चलाने वाले बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी की नजर अब काशी विश्वनाथ मंदिर और ताजमहल पर है। स्वामी ने सोमवार को ट्वीट करके इसकी जानकारी दी।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की बाधा समाप्त होने के बाद सुब्रमण्यम स्वामी अब काशी विश्वनाथ और आगरा के ताजमहल का मुद्दा गरमाना चाहते हैं। ट्वीटर पर स्वामी ने इसके संकेत भी दे दिए हैं। एक यूजर को ताजमहल पर पूछे गए सवाल का सवाल का जवाब देते हुए वरिष्ठ बीजेपी ने दावा किया, ताजमहल के अंदरूनी सूत्र ने मुझे जानकारी दी है कि वर्ष 2011 में कुछ मूर्तियों को (ताजमहल के) बेसमेंट से हटाया गया था। स्वामी ने कहा कि मैं इस सच्चाई की तह तक जाना चाहता हूं।
स्वामी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर बोला हमला
अपने दूसरे ट्वीट में सुब्रमण्यम स्वामी ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर निशाना साधा। स्वामी ने ट्वीट किया, क्या प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य अब मुस्लिमों के प्रमुख संगठनों जैसे, पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य बन रहे हैं? गृह मंत्रालय को इसकी जांच करनी चाहिए।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटीशन दाखिल करने निर्णय लिया है। बोर्ड को प्रमुख मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी का साथ नहीं मिला है। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से मना कर दिया है।
अपने तीसरे ट्वीट में स्वामी ने कहा, यह क्षण इस सच्चाई को परखने का है कि क्या मुस्लिम समुदाय में अतिवादी और राष्ट्रवादी बनाम झूठे सेकुलरवादी शुरू हो गया है। क्या श्री अरबिंदो और नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी सही है? अपने चौथे ट्वीट में स्वामी ने एक वीडियो शेयर किया है, और हिन्दु-मुस्लिम एकता, शांति और सौहार्द की वकालत की है।