1947 में भारत विभाजन के लिए सबसे बड़ा खलनायक मुस्लिम लीग नेता मो. अली जिन्ना को माना जाता है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि बंटवारे के लिए कांग्रेस भी जिम्मेदार है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के परिजनों का भी ऐसा ही मानना है। 23 जनवरी को नेता जी जयंती के एक दिन पूर्व बुधवार को सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने कहा कि भारत का बंटवारा कांग्रेस के सांप्रदायिक नेताओं के कारण हुआ था। मोहम्मद अली जिन्ना धर्मनिरपेक्ष नेता था। वह कभी भारत विभाजन के समर्थन में नहीं थे। किन जब उन्हें अहसास हुआ कि आजाद भारत में उन्हें सत्ता का साझीदार नहीं बनाया जाएगा तब उन्होंने 1940 में लाहौर सम्मेलन में पाकिस्तान का मुद्दा उठाया।
नेता जी के पोते ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस ने जिन्ना को बंटवारे के लिए मजबूर किया। चंद्र कुमार बोस ने कहा, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी भी देश के बंटवारे के पक्ष में नहीं थे। लेकिन उन्होंने चुप रहकर यह सब स्वीकार करना पड़ा। कहा कि आजादी मिलने के बाद 1955 तक पाकिस्तान एक धर्मनिरपेक्ष देश बना रहा। लेकिन जिन्ना के निधन के बाद पाकिस्तान इस्लामिक राष्ट्र बन गया। लेकिन, भारत धर्मनिरपेक्ष रहा और यही देश की आत्मा है।