मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि चतरा के इटखोरी में दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप बनेगा। इसके लिए डीपीआर तैयार हो गई है। मुख्यमंत्री गुरुवार को पर्यटन, कला संस्कृति एवं खेलकूद विभाग तथा इंडियन चैंबर ऑफ कामर्स के संयुक्त तत्वावधान में एक निजी होटल में आयोजित दो दिवसीय झारखंड टूर कान्क्लेव के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि छठी शताब्दी में बौद्ध धर्म के विचारों के बारे में दुनिया को अवगत कराने के लिए भगवान बुद्ध इटखोरी से ही रवाना हुए थे। राज्य सरकार बौद्ध सर्किट बनाने का भी काम कर रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में बौद्ध पर्यटन के विकास पर तेजी से काम हो रहा है। यहां सांस्कृतिक पर्यटन, प्राकृतिक पर्यटन, माइनिंग पर्यटन, इको पर्यटन आदि में काफी अवसर हैं और राज्य सरकार इसे भुनाने का पूरा प्रयास कर रही है।
पर्यटन स्थलों पर सुविधाएं बढ़ी हैं और कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है, जिससे पर्यटक यहां आ रहे हैं। कहा, पतरातू, मसानजोर जैसे डैम को विकसित कर वहां परिवार के साथ समय बिताने के स्थल के रूप में विकसित किए गये हैं। साथ ही राज्य में कई माइंस भी हैं जहां एजुकेशनल टूरिज्म संभव है। इको टूरिज्म को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने टूर एंड ट्रेवल्स के प्रतिनिधियों से झारखंड के पर्यटन स्थलों के बारे में देश-दुनिया के लोगों को अवगत कराने का आह्वान भी किया। इस अवसर पर विभागीय मंत्री अमर कुमार बाउरी ने कहा कि सभी पर्यटन स्थलों पर पक्की सड़क सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि चांडिल से नेतरहाट तक इको टूरिज्म सर्किट बनाया जा रहा है। पतरातू डैम को विश्व स्तरीय पर्यटन के रूप में विकसित किया गया है।