नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन किया जा रहा है। राजधानी दिल्ली में भी कानून के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके कारण आम लोगों को यातायात से जुड़ी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली में डीएमआरसी ने कई मेट्रो स्टेशन पर आवाजाही बंद कर दी है। यात्री इन मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट नहीं कर पाएंगे। वहीं इन स्टेशनों पर मेट्रो ट्रेनें भी नहीं रुक रही हैं।
दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने आज शहर में होने वाले प्रदर्शनों के चलते दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशन के निकास और प्रवेश द्वार बंद कर दिए हैं। इन स्टेशनों पर ट्रेन नहीं रुकेगी। इन स्टेशनों के नाम हैं- जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जसोला विहार, शाहीन बाग, मुनिर्का, लाल किला, जामा मस्जिद, चांदनी चौक, विश्वविद्यालय, पटेल चौक, लोक कल्याण मार्ग, उद्योग भवन, आईटीओ, प्रगति मैदान, खान मार्केट और केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन। हालांकि केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन पर गाड़ियों का इंटरचेंज जारी रहेगा।
कम्यूनिस्ट पार्टी की तरफ से मंडी हाउस से लेकर जंतर-मंतर तक विरोध मार्च करने की अपील दिल्ली पुलिस द्वारा ठुकराए जाने के बाद भी सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी मंडी हाउस पर जुट गए हैं। कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस बस में भर कर ले गई।
लाल किले पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन के चलते सुबह से ही धारा 144 लगा दी गई है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी यहां जुट चुके हैं। कई लोगों को हिरासत में ले लिया गया है।
दिल्ली पुलिस ने आज जगह-जगह होने वाले प्रदर्शनों के चलते लाल किले के आसपास के इलाके में धारा 144 लागू कर दी है। इसके तहत प्रभावित इलाके में 4 से ज्यादा लोग एक जगह इकट्ठा नहीं हो सकते।
इसके अलावा सड़क पर भी लोगों को काफी दिक्कतें देखने को मिल रही है। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए मथुरा रोड से कालिंदी कुंज जाने वाली सड़क को भी बंद कर दिया गया है। वहीं दिल्ली के लाल किला इलाके के पास प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है।
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में लोगों के जरिए नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। ऐसे में हिंसा को भी अंजाम दिया गया। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली में छात्र भी सड़कों पर उतर आए हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया में भी इस कानून का विरोध देखा गया। जिसके बाद जामिया में हिंसा भी हुई।